


बलिया. विकासखंड मुरलीछपरा के ग्राम पंचायत शिवपुर कर्ण छपरा के जितेंद्र सिंह उर्फ हाथी सिंह की पत्नी निधि सिंह प्रधानी का चुनाव लड़ रही थी उनके चुनाव नतीजे को लेकर हर किसी की दिलचस्पी थी दरअसल चुनाव के लिए सीटें आरक्षित होने के बाद हुआ ही ऐसा कि हाथी सिंह और उनकी पत्नी निधि सिंह चर्चा में आ गए थे
जितेंद्र सिंह उर्फ हाथी सिंह ने समाजसेवा के लिए ज़िंदगी भर शादी न करने का फैसला कर लिया था लेकिन पंचायत चुनाव के ठीक पहले चुनाव लड़ने के लिए ही उन्होंने आनन-फानन में शादी की दरअसल वह जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे वह सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हो गई थी
13 अप्रैल को नामांकन से पहले शादी करनी थी इसीलिए आननफानन शादी का आयोजन किया गया पहले बिहार की अदालत में कोर्ट मैरिज की, इसके बाद 26 मार्च को गांव के धर्मनाथजी मंदिर में शादी कर ली

बिना मुहूर्त ही उन्होंने शादी रचा ली लेकिन चुनाव के नतीजों में उनकी पत्नी चुनाव हार गईं जिससे हाथी सिंह के प्रधान बनने के अरमान अधूरे रह गए और यहां से सोनिका देवी 564 वोट पाकर जीत गईं हाथी सिंह की पत्नी निधि को 525 वोटों मिले निधि सिंह महज 39 वोटों से चुनाव हार गई है
बता दें कि 2015 के चुनाव में हाथी सिंह खुद दावेदार थे उस समय वो कुछ वोटों से हार गए थे लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और वो क्षेत्र में आगामी चुनाव की तैयारी करते रहे लेकिन रिजर्वेशन आने के बाद उनकी उम्मीद टूट गई उनके गांव की सीट महिला आरक्षित घोषित कर दी गई समस्या यह थी कि हाथी सिंह ने आजीवन शादी न करने का व्रत लिया था लेकिन प्रधानी के लिए उन्होंने यह व्रत तोड़ दिया था.
(बलिया से कृष्णकांत पाठक के साथ वीरेंद्र मिश्र की रिपोर्ट)