पानी तो घटने लगा, मगर दुश्वारियां बढ़ने लगीं

बलिया से कृष्णकांत पाठक/वाराणसी से संतोष सिंह

KK_PATHAKSANTOSH SINGHबलिया में गंगा, घाघरा, तमसा के तेवर में नरमी आई है, हालांकि गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. वाराणसी में उफनाई गंगा अब घाटों की सीढ़ियों से उतर चुकी है, बाढ़ का कहर थमने के बाद ग्रामीण इलाकों में लोग बाग अपने घरों को संवारने में जुटे है. बाढ़ के पानी में हालांकि सैकड़ों कच्चे मकान जमीदोज हो चुके हैं, हजारों एकड़ कृषि योग्य जमीन पर खड़ी फसलें बाढ़ में बह गई हैं. खेतों में मेड़ें गुम हो चुकी है, कई इलाकों में मृत पशुओं के शव दुर्गंध फैला रहे हैं, जबकि गांव की पगडंडी दलदली होने के कारण उसमे चलना फिरना दूभर है. जगह जगह जमा पानी में मच्छरों के लावा संक्रामक बीमारियों को न्योता देते दिखाई पड़ रहे हैं.

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संक्रामक बीमारियों का प्रकोप बढ़ा, दवा का छिड़काव न हो पाना भी परेशानी का सबब

बलिया के फेफना क्षेत्र के मिलकनवा निवासी सतराम (50), नीतू (15) , मीना (07), अश्विनी (07)  एवं पिंकू सहित अन्य कई बच्चे बाढ़ के बाद संक्रामक बीमारी डायरिया के चपेट में आ गए हैं. मंगलवार को डायरिया से बीमार चल रहे रामपति चौहान (78) की मौत हो गई. नरहीं गांव निवासी गोलू (18) पुत्र रमेश राय की डायरिया से सोमवार की देर शाम जिला अस्पताल में मौत हो गई. उधर, भरसर, भीमपट्टी, दुबहर (स) आदि गांवों में बाढ़ का पानी अब तक न निकलने से लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सागरपाली क्षेत्र के बघेजी, गंगहरा, हसनपुरा, थम्हनपुरा, इंदरपुर,  अंजोरपुर, मझरिया समेत दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी करीब पांच फीट तक कम हो गया है, मगर दवा का छिड़काव न किए जाने से लोगों की मुसीबतें बढ़ गई हैं.

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मिर्जापुर में पानी घटा तो पेड़ पर लटका युवका शव मिला

बाढ़ प्रभावित जिलों के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और सरकारी अस्पतालों में डायरिया, हैजा और कालरा के मरीजों का तांता लगा हुआ है. बिस्तर के अभाव में फर्श पर कई मरीजों का इलाज किया जा रहा है. मिर्जापुर के कछवां क्षेत्र बाढ़ का पानी घटने के बाद कल पेड़ पर एक व्यक्ति का शव पेड पर लटका मिला. शव की शिनाख्त प्रशान्त कुमार (32) रूप में की गई है. वाराणसी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बड़ी संख्या में लोग अब बीमार पड़ने लगे हैं. प्रशासन के लिए इनका इलाज कराना एक बड़ी चुनौती साबित हो रही है. बाढ़ का पानी कालोनियों के गड्ढों एवं खाली पड़े प्लाटों में जमा है और दुर्गंध आ रही है.

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बाढ़ के बाद गाद और मृत पशुओं की दुर्गंध से सांस लेना मुश्किल

बाढ़ से विस्थापित ज्यादातर लोग अभी विद्यालयों में या यत्र तत्र शरण लिए हुए हैं. गांव से नौका हट जाने के कारण लोगों को आने जाने में और तकलीफ हो रही है. सड़ी हुईं फसलों से बदबू आ रही है और बाढ़ जनित रोग पैदा होने की आशंका बढ़ गई है. यह चिंता खाए जा रही है कि एक-दो दिन में बाढ़ राहत केंद्र तो बंद हो जाएंगे, परंतु पानी में डूबे उनके घरों की स्थिति अभी रहने लायक नहीं हुई है. बाढ़ के बाद गाद और मृत पशुओं की दुर्गंध से प्रभावित इलाकों में संक्रामक रोग का हमला तेज हो गया है.

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बलिया के डीएम के मंसूब पर पानी फेर रहे हैं कोताह कोटेदार और हड़ताली लेखपाल

बलिया के जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस हर बाढ़ प्रभावित घरों में खाद्यान्न पहुंचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं, परन्तु कोटेदारों की लापरवाही के चलते उन्हें आशातीत सफलता नहीं मिल पाई है. हर परिवारों तक खाद्यान्न नहीं पहुंच पाया है. लेखपालों की हड़ताल ने भी जिलाधिकारी के योजना में ब्रेक लगाने का काम किया है. डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि बाढ़ प्रभावित हर व्यक्ति तक खाद्यान्न पहुंचना चाहिए. इसके लिए वह रोज वे स्वयं हर विकासखंड में जाकर बाढ़ प्रभावित पात्रों की सूची की निगरानी स्वयं कर रहे हैं. बांटी जाने वाली सामग्री की भी समीक्षा मौके पर जाकर कर रहे हैं, ताकि इसमें किसी प्रकार की गडबड़ी न हो पाए.

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बनारस के डीएम ने 126 अफसरों को राहत कार्य के पर्यवेक्षण में लगाया 

वाराणसी के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. यहां के तीन विकास खण्डों के 176 ग्राम सभा की ढाई लाख से अधिक आबादी एवं 70 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि प्रभावित हुई है. 126 से अधिक बाढ़ राहत शिविर स्थापित कर बाढ़ पीड़ितों को नाश्ता, भोजन एवं बीमार लोगों को जरूरी इलाज की व्यवस्था की गई है. आनंद ने बताया कि 200 नावों एवं एनडीआरएफ की टीमों को राहत कार्यों में लगाया गया है. इसके अलावा शहरी क्षेत्र में 26 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 40 चिकित्सकों की टीम चिकित्सकीय कार्य में लगाए गए हैं. 126 अधिकारी राहत कार्य के पर्यवेक्षण में लगाए गए हैं. बाढ़ पीड़ितों को एकमुश्त 15 दिनों का राशन एवं दैनिक उपयोग की अन्य जरूरी चीजें मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

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