सब्जियों की खेती करने वाले किसान तो तबाह हो गए

बलिया। गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से लोगों की मुसीबते भी बढ़ने लगी है. हजारों एकड़ परवल की फसल जलमग्न हो गई है. अन्य सब्जियों की खेती भी बर्बाद हो गई है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बोया गया मक्का, ज्वार और बाजरा की फसलें जल मग्न होकर चढ़ने लगी है.

बीच गंगा में सफर करने वाली नांवें गांव के छोर पर पहुंच चुकी हैं.
बीच गंगा में सफर करने वाली नांवें गांव के छोर पर पहुंच चुकी हैं.

लाचार किसान के पास कोई चारा नहीं बचा

लाचार किसान पानी से फसलों को काटकर मवेशियों के लिए निकाल रहे हैं. बाढ़ के जलस्तर में लगातार वृद्धि से लोग भयभीत हैं. गंगा का पानी द्वारा क्षेत्र में तबाही मचाने को आतुर है. सैकड़ों एकड़ जमीन गंगा में विलीन हो चुकी है. कई लोगों की मकान डूब गए हैं. जिला प्रशासन मौन साधे हुए है. हर वर्ष की भांति बाढ़ नियंत्रण विभाग के लोग बाढ़ के मंजर को एकटक निहार रहे हैं. इस वर्ष बाढ़ आने से पूर्व की गई तैयारी पर प्रश्नचिन्ह लगने लगा है. मुख्य गंगा नदी में चलने वाली नाव गंगा के किनारे पहुंच गए हैं.

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