टीएस बंधे की स्थिति नाजुक, सुल्तानपुर और जयनगर के बीच हल्का रिसाव

बांसडीह से रविशंकर पांडेय

सरयू (घाघरा) नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण अब तटीय इलाके के घरों तक पानी पहुँच गया है. बताया जाता है कि हजारों एकड़ उपजाऊ भूमि नदी में समाहित हो चुकी है. अब गांवों में पानी पहुंचने से लोगों में दहशत है. फसलों की बात की जाय तो मक्का के खेत भी नदी में विलीन हो चुके हैं. धान के खेत किसानों ने तैयार किये थे, उसे भी सरयू नदी ने नहीं छोड़ा. कुछ खेतों में धान की रोपाई भी हो चुकी थी. किसान उम्मीद लगा रखे थे कि इतना भी बच जाएगा तो घर परिवार के भोजन करने लायक चावल पैदा हो जाएगा. उसे भी सरयू नदी ने नही बख्शा.

उधर, टीएस बंधे की स्थिति भी नाजुक है. सुल्तानपुर, जयनगर के बीच में टीएस बंधे में हल्का हल्का पानी भी रिसाव कर रहा हैं. पिछले वर्षों में भी टीएस बंधे टूटने की वजह से पानी गाँवों में घुस गया था.

एसडीएम और तहसीलदार ने किया दौरा

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE         

बाँसडीह एसडीएम दुष्यंत कुमार मौर्य और तहसीलदार गुलाब चन्द्रा ने तटीय इलाके का लगातार दौरा कर रहे हैं. अधिकारी द्वय ने टीएस बंधा पर पहुंचकर जायजा लिया. चूंकि सरयू नदी के जलस्तर वृद्धि से बाढ़ का पानी बंधा तक पहुंचते ही अन्य गांवों पर खतरा बढ़ जाएगा. अधिकारी द्वय को ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि साहील (कांटेदार जानवरों) ने बंधा को अन्दर से खोखला कर दिया है. यह जानवर मिट्टी में जगह बनाकर रहते हैं. ऐसे में टीएस पर खतरा मंडरा है.

एसडीएम दुष्यंत कुमार मौर्य ने कहा कि निगरानी रखी जा रही. हर सम्भव कोशिश रहेगा कि आम जन को कोई दिक्कत न हो. इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा तैयारी की जा चुकी है. तहसीलदार गुलाबचन्द्रा ने बताया कि खेवसर के पास टीएस बंधे को ठीक कराया गया है और ताहिरपुर और अन्य जगहों पर कार्य के लिये सम्बंधित अधिकारियों को कहा गया हैं
. खतरा बिंदु से ऊपर चल रही सरयू (घाघरा) नदी

शाम चार बजे डीएसपी पर माप के अनुसार खतरा बिंदु से ऊपर थी. खतरा बिंदु 64.01 है, जबकि माप के अनुसार शुक्रवार को सुबह आठ बजे डीएसपी हेड पर 64.64 थी.

This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE