

सिकंदरपुर, बलिया. सरयू नदी के बाढ़ का पानी हट जाने के बावजूद क्षेत्र के दियारों की स्थिति अभी भी सामान्य नहीं ही सकी है । जिस का मुख्य कारण दियारों में जाने के रास्तों एवं खेतों में भारी मात्रा में इकट्ठा कीचड़ है जो आवागमन को बाधित कर रहा है।
साथ ही दियारों में नष्ट हो गई किसानों की फसलें, पशुओं के चारे का अभाव एवं अत्यधिक नमी व कीचड़ के कारण रबी के फसलों की बुवाई हेतु उपयुक्त स्थिति का न हो पाना है। जबकि बाढ़ का पानी नदी के पेटी में चला गया है।
सरयू नदी के इतिहास में यह पहला अवसर था जब इस वर्ष रह रह कर खेत्रीय दियारों में क्रमशः चार बार बाढ़ का पानी चढ़ कर फसलो को अपने आगोश में ले लिया था। आखिरी बार फैले पानी में लगातार दस दिनों तक फसलें डूबी रह कर नष्ट हो गई हैं जिससे उनकी बुवाई में किसानों की लगी पूँजी बर्बाद हो गई है। साथ ही दियारों में पशुओं के चारे के अकाल पड़ गया है जिससे पशुपालकों को बांगर क्षेत्र से महंगे दर पर चार खरीद कर अपने पशुओं का पेट भरना पड़ा रहा है।

क्षेत्र के लीलकर,सिसोटार,गोसाईपुर, शेखपुर आदि दियारों के किसानों ने बताया कि बाढ़ का पानी हटने के बावजूद हमारी परेशानियों का अन्त नहीं हुआ है। नष्ट हुई फसलों के साथ ही उनकी बुआई में लगी हमारी पूंजी भी बर्बाद हो गई। खेतों में अत्यधिक नमी के चलते रबी के फसलों की बुवाई के भी पिछड़ कर पैदावार पर विपरीत प्रभाव डालने की आशंका है।
(सिकंदरपुर संवाददाता संतोष शर्मा की रिपोर्ट)