गर्भावस्था से एक हजार दिन तक का समय सबसे अहम

  • बेरुआरबारी ब्लॉक के करम्मर में आयोजित हुआ गोदभराई व अन्नप्राशन संस्कार कार्यक्रम
  • सुरक्षित प्रसव, कुपोषण से बचाव व किशोरियों के बेहतर स्वास्थ्य सम्बधी दी गई जानकारी

बलिया : ग्राम पंचायत करम्मर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं ने पारंपरिक गीतों के साथ गोदभराई और अन्नप्राशन संस्कार कार्यक्रम आयोजित किया. इस दौरान गर्भवती माताओं, किशोरियों और बच्चों की सेहत की बेहतरी पर चर्चा हुई.

सीडीपीओ पूनम सिंह ने बच्चों में कुपोषण से बचाव, गर्भवती महिला का सुरक्षित प्रसव और किशोरियों के अच्छे स्वास्थ्य संबंधी बातें बताई.

 

उन्होंने कहा कि बच्चों के शुरू के एक हजार दिन सबसे अहम समय होते हैं. इन दिनों मष्तिष्क का 80 फीसदी विकास हो जाता है. बेहतर पोषण की जरूरत होती है. महिलाओं गांवों में आसानी से मिलने वाले मौसमी फलों को खूब खाने कहा.

गर्भवती महिला के लिए सभी टीकाकरण और सन्तुलित आहार भी जरूरी है. इसका विशेष ख्याल रहे कि प्रसव बाद पहला दूध मां का ही पिलाएं.

 

 

अतिथि के रूप से आए सीडीपीओ चिलकहर सुरेन्द्र यादव ने किशोरियों के स्वास्थ्य के दृष्टिगत कुछ अहम सुझाव दिए. उन्होंने कहा कि शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, आयरन, हीमोग्लोबिन आदि का संतुलन बनाने रखने के लिए पौष्टिक आहार लेते रहें.

गर्भवती महिला को फल, सब्जी, आयोडीनयुक्त आहार व अनाज भोजन देने पर जोर दिया, कार्यकत्रियों को अपने क्षेत्र में घूमकर इसकी जानकारी देने के लिए कहा. कार्यक्रम में छह माह के हो चुके बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन संस्कार हुआ. वहीं, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार और फल की टोकरी दिया गया.

इस अवसर पर मुन्नी देवी, संजू चौहान, मंजू देवी समेत आंगनबाड़ी कार्यकत्री व ग्रामीण मौजूद थे.

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