मंडी के किसानों-व्यापारियों को बताई गई सुलभ व्यापार की बारीकियां

सिटी मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में मंडी में हुआ ई-नाम दिवस का आयोजन

दो-दो किसानों व व्यापारियों को ई-नाम कृषक श्री’ व ‘ई-नाम श्री’ की उपाधि से नवाजा

बलिया। कृषि उत्पादन मंडी समिति के सभापति नगर मजिस्ट्रेट डा विश्राम की अध्यक्षता में मंडी में सोमवार को ई-नाम दिवस का आयोजन हुआ. इस दौरान दिसंबर महीने में सबसे अधिक ट्रेडिंग करने वाले दो किसान शिवशंकर व राजेश को ‘ई-नाम कृषक श्री’ व व्यापारी शमीम व नौशाद को ‘ई-नाम श्री’ की उपाधि से सम्मानित किया गया. इन किसानों और व्यापारियों को प्रशस्ति पत्र व अंगवस्त्रम भी दिया गया.

सिटी मजिस्ट्रेट ने किसानों और व्यापारियों को ई-नाम की बारीकियों के बारे में जानकारी दी. कहा कि यह भारत सरकार की अत्यंत महत्वपूर्ण व कल्याणकारी योजना है और इसका प्रमुख उद्देश्य किसानों और व्यापारियों की आय को बढ़ाकर आर्थिक उत्थान करना है.

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किसान अपने नजदीकी मंडी में रजिस्ट्रेशन कराकर उठाएं लाभ

सिटी मजिस्ट्रेट ने सबसे आवाह्न किया कि किसान अपने नजदीकी मंडी में रजिस्ट्रेशन करा कर इस योजना का लाभ उठाएं. ई-नाम के माध्यम से किसान अपना माल पूरे भारत में कहीं भी बोली के माध्यम से बेच सकता है. इससे उसे किसी भी बाजार का उचित मूल्य मिल जाता है. यही नहीं, व्यापारियों को भी पूरे भारत में कहीं से भी कृषि उत्पादों को क्रय करने में सहूलियत होती है. इसके लिए किसान को मात्र अपना रजिस्ट्रेशन संबंधित मंडी समिति में करवाना होता है.

कृषि उत्पाद मंडी में गुणवत्ता प्रमाण पत्र के साथ वेबसाइट पर होता है अपलोड

किसान द्वारा मंडी में लाने वाले कृषि उत्पाद को मंडी समिति के धर्मकांटे पर निःशुल्क तौल कर लाट पहचान संख्या दी जाती है. उसके बाद मंडी में ही गुणवत्ता प्रयोगशाला द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र जारी कर उसे वेबसाइट पर लोड किया जाता है. तब भारत के सभी लाइसेंसधारक व्यापारियों को वेबसाइट पर वह दिखाई देती है, जिसे वे आसानी से क्रय विक्रय कर सकते हैं. किसानों का भुगतान उसके खाते में कैशलेस के माध्यम से किया जाता है. इस अवसर पर मंडी सचिव शशि प्रकाश के अलावा अन्य कर्मचारी और किसान-व्यापारी उपस्थित थे.

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