परिवार से बड़ा कोई धन नहीं: प्रो. निर्मला एस. मौर्य

परिवार में मिलता है सामाजिक बीमा: प्रो. आर एन त्रिपाठी

बदलते परिवेश में परिवारों की भूमिका एवं दायित्व विषय पर आनलाइन गोष्ठी

जौनपुर, बलिया. वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के अधिष्ठाता छात्र कल्याण कार्यालय एवं मिशन शक्ति के संयोजकत्व में बदलते परिवेश में परिवारों की भूमिका एवं दायित्व विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आनलाइन आयोजन रविवार को किया गया.

 

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आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अंतर्राष्ट्रीय परिवार दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रसिद्ध समाजशास्त्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. आरएन त्रिपाठी ने कहा कि सभ्यता के आरंभ का सामाजिकता के प्रारम्भ का आधार है परिवार. भारत ने सम्पूर्ण वसुधा को परिवार माना है. उन्होंने कहा कि सामाजिक बीमा परिवार में ही मिलता है कोरोना काल ने ये साबित कर दिया इसीलिए सामाजिक नियंत्रण का प्रेम रूपी अभियंत्रण परिवार को माना गया है. उनका मानना है कि परिवार प्रेम का उपहार है, सूखती जीवन सभ्यता की फुहार है। उन्होंने ऋग्वेद, महाभारत, पुराण का वर्णन करते हुए कहा कि उदार चरित्र वाले सभी को समान मानते हैं. परिवार का प्रेम गुरुत्वाकर्षण की तरह है सभी को खींच लेता है, जितने भी संस्कार ‌है सब परिवार से ही मिलते है.

 

अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. निर्मला एस. मौर्य ने कहा कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं होता. मानवीय सभ्यता की अनूठी पहचान है परिवार. उन्होंने साझा चूल्हा को परिवार का सबसे बड़ा उदाहरण बताया और कहा कि आधुनिकीकरण से सबसे अधिक प्रभावित परिवार ही हुआ है. इसी के चलते मानव अपने को कछुए की खोल की तरह सुरक्षित समझता है. उन्होंने कहा कि प्राणी ही नहीं वनस्पतियों का भी परिवार होता है, वह किसी स्थान पर अपने पूरे परिवार के साथ ही उगते हैं. अतिथियों का स्वागत छात्र अधिष्ठाता प्रो.अजय द्विवेदी और विषय प्रवर्तन संकाय अध्यक्ष प्रोफ़ेसर अजय प्रताप सिंह ने किया. संचालन डॉ. मनोज कुमार पांडेय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. जाह्नवी श्रीवास्तव ने किया.

 

इस अवसर पर प्रो. देवराज सिंह, प्रो.बीडी शर्मा, डॉ. रजनीश भास्कर, डॉ. मनोज मिश्र, डॉ. सौरभ पाल, डॉ. रसिकेश, डॉ.मुराद अली, डॉ. राकेश यादव, डॉ. जगदेव, डॉ. सुनील कुमार, डॉक्टर गिरिधर मिश्र, डॉ. पुनीत धवन, डॉ. रेखा पाल डॉ.एके मौर्य, समेत कई शिक्षक और विद्यार्थी मौजूद थे.

 

 

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