सिंहासन खाली है नाटक का मंचन

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बलिया. उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी लखनऊ व जिला प्रशासन बलिया के संयुक्त तत्वाधान में तथा संकल्प साहित्यिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय संभागीय नाट्य समारोह के तीसरे दिन रंगनाद संस्था लखनऊ द्वारा सिंहासन खाली है नाटक का मंचन गंगा बहुउद्देशीय प्रेक्षागृह कलेक्ट्रेट, बलिया में किया गया.

3 हास्य व्यंग से भरपूर इस नाटक ने लोगों का मनोरंजन तो किया है उसमें बहुत सारे संदेश भी दिए. सिंहासन खाली है नाटक की कहानियां एक त्रिकोण के दो पक्षों नेता राजनेता और आम आदमी के इर्द-गिर्द घूमती है नाटक की शुरुआत सूत्रधार से होती है जो खाली सिंहासन के लिए सुपात्र की तलाश कर रहा है .

सबसे पहले एक महिला उम्मीदवार आती है धीरे-धीरे और भी लोग आते हैं फिर उनके बीच कुर्सी के लिए द्वंद शुरू हो जाता है. अगले दृश्य में पात्रों को प्राचीन काल में ले जाकर यहां राजा लोगों पर शासन करता था. राजा स्वार्थी और अपने भ्रष्ट बुद्धि के द्वारा अपना भला करने की कोशिश करता है और प्रजा के भरोसे को मार देता है फिर सुधार पात्र को वर्तमान में लाता है . सूत्रधार बताता है कि प्राचीन काल से अब तक लोगों को लोकतंत्र के नाम पर मूर्ख बनाया जा रहा है.

अब समय आ गया है कि हम सही व्यक्ति का चयन करें और सिंहासन पर बिठाएं. नाटक के पात्रों में अक्षय दीक्षित , आद्या मिश्रा, तान्या तिवारी, सुचित शुक्ला, अविनाश सिंह, अभय कुमार सिंह, दीपक, पार्थ मिश्रा, अभय मिश्रा ने अपने शानदार अभिनय से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया. मंच प्रबंधक दीपक, मंच सज्जा मुकेश, योगेश कुमार मंच निर्माण चंद्रमा विश्वकर्मा, मंच सामग्री अभिषेक अंशु, वेशभूषा शिल्पी, मेकअप प्रियांशी सहायक पूजा आंचल, संगीत शुभम तिवारी, प्रकाश देवाशीष मिश्रा , सहायक अंकुर वर्मा सुशील कुमार सिंह द्वारा लिखित इस नाटक का निर्देशन रोजी मिश्रा का रहा नाटक की प्रस्तुति के बाद संस्था के सचिव को जिला विकास अधिकारी ने प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया. संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने किया.
बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट

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