सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर दिखी श्रमिक स्पेशल ट्रेनों पर यात्रा करने वाले श्रमिकों की दुर्दशा. भुंज गुजरात से चली 09233 डाउन दरभंगा जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन दोपहर सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर क्रॉसिंग के चलते लगभग 40 मिनट तक रुकी. ट्रेन से उतरकर श्रमिक स्टेशन पर पानी के लिए भरभरा कर उतारे. सबको भोजन पानी की तलाश थी, लेकिन स्टेशन पर ऐसा कुछ इंतजाम नहीं था. पानी के लिए कुछ पोस्ट जरूर है, लेकिन उन से गंदे पानी आ रहे थे. यात्रियों की संख्या अधिक थी सो उन्हीं पोस्टों पर टूट पड़े. झल्लाए यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा खड़ा कर दिया और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के मुर्दाबाद के खूब नारे लगाए. यात्री जल्दी से जल्दी ट्रेन को रवाना करने के लिए स्टेशन मास्टर पर दबाव बना रहे थे. क्रॉसिंग बीतने और कंट्रोल से निर्देश मिलने के बाद लगभग 40 मिनट रुकने के बाद ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई.
सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन पर आक्रोशित यात्रियों ने बतलाया कि 3 दिन पहले यह ट्रेन भुज गुजरात से चली है. किसी भी डिब्बे में लगा पंखा नहीं चल रहा है. शौचालयों में पानी तक नहीं है. जहां-तहां ट्रेन आधे घंटे 1 घंटे दो 2 घंटे के लिए रोक दी जा रही है. खाने को कुछ भी नहीं है. ट्रेन चलते समय एक एक पैकेट खाने का सामान दिया गया था. पहले ही दिन समाप्त हो गया. सबसे बड़ी दिक्कत पानी की है. हम प्यास से तड़प रहे हैं. पानी की कहीं कोई व्यवस्था किसी भी स्टेशन पर नहीं मिल रही है. जब यह श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन है. तो इसे सीध है गंतव्य तक क्यों नहीं पहुंचाया जा रहा है. ट्रेन जगह-जगह रोक दी जा रही है. कहीं किसी स्टेशन पर कुछ भी नहीं मिल रहा है. न सरकार द्वारा और ना ही खरीदने के लिए भी. परिवार लेकर हम लोग इस ट्रेन पर गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशान हैं. स्टेशन पर ट्रेन रुकते ही बोतल बाल्टी डिब्बा लेकर यात्री उतर पड़े. गर्मी से परेशान कोई यात्री सिर धो रहा था तो कोई पानी पी रहा था, कोई पानी भर रहा था.
सब परेशान दिखे. ट्रेन पर बैठक कुछ यात्रियों ने बताया कि देखिए किसी भी डिब्बे में इस भीषण गर्मी में पंखा नहीं चल रहा है. शौचालय में एक बार भी पानी नहीं भरा गया. कई जगह स्टेशनों पर हम लोगों ने शिकायत की की शौचालयों में पानी नहीं है भरवा दीजिए. लेकिन किसी ने नहीं सुना. भुंज से बिहार के सफर में इस ट्रेन पर हम लोग भयंकर यातना के दौर से गुजर रहे हैं.
स्टेशन पर उतरने वाले यात्रियों के हंगामा से स्टेशन पर का पूरा स्टाफ परेशान रहा बार-बार कंट्रोल को फोन कर यह लोग जल्द से जल्द यहां से ट्रेन को प्रस्थान कराने की इजाजत मांग रहे थे. स्टेशन पर मात्र दो जीआरपी के सिपाही थे, जो इस भीड़ को कंट्रोल करने में हलकान देखें. ट्रेन के आगे बढ़ने की जब सिटी बजी तब दौड़कर यात्री ट्रेनों में सवार हुए और स्टेशन के स्टॉप और जीआरपी के जवानों ने राहत की सांस ली.
पटना से पांच हजार रुपये में पिकअप करके किसी तरह से बलिया पहुंचे
इसी क्रम में मध्यप्रदेश के शंकरगढ़ के निवासी श्रमिकों को लेकर श्रमिक स्पेशल ट्रेन 21 मई को महाराष्ट्र के कोल्हापुर से चली. श्रमिकों ने बताया कि इस ट्रेन वे सभी जबलपुर के लिए निकले थे. कोल्हापुर से जबलपुर जाने में ट्रेन का अधिकतम समय 24 घंटे लगता है. यह ट्रेन भुसावल से इटारसी न जाकर नागपुर की तरफ चली गई. इसके बाद वह छत्तीसगढ़ रायपुर से उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल होते हुए बिहार के कटिहार पहुंची. इस बीच हम सभी भोजन व पानी के लिए तरस गए. कटिहार रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर वहां के जिला प्रशासन ने गृहनगर न भेजवा कर हम सभी को वाहन से पटना भिजवा दिया. प्रवासियों ने बताया कि पटना से हम सभी पांच हजार रुपये में पिकअप करके किसी तरह से बलिया पहुंचे. इसके बाद रेलवे स्टेशन पर जारक अधिकारियों से हम सभी ने मध्यप्रदेश के शंकरगढ़ मध्यप्रदेश भेजवने का आग्रह किए. ये प्रवासी अपने परिवार के साथ चिलचिलाती धूप में रेलवे स्टेशन पर अपने घर जाने के साधन का इंतजार करते रहे. रेलवे स्टेशन से अधिकारियों ने इन सभी को रोडवेज बस अड्डे पर भेज दिया. जहां इन सभी को उनके जनपद तक भेजने की व्यवस्था की गई.