कामेश्वर धाम के नव निर्मित प्रवेश द्वार का उद्घाटन

कामेश्वर धाम कारो बलिया से विकास राय 

काम दहन भूंमि कामेश्वर धाम कारो जनपद बलिया के नव निर्मित मुख्य प्रवेश द्वार का भव्य उद्घाटन श्री श्री 1008 अनन्त विभूषित श्री राम बालक दास जी महाराज के कर कमलों के द्वारा 20 फरवरी दिन सोमवार को दोपहर बाद 2 बजे वैदिक ढंग से पूजनोपरान्त फीता काट कर सम्पन्न किया गया. इस भव्य प्रवेश द्वार का निर्माण कामेश्वर धाम के प्रबन्धक रमाशंकर दास की प्रेरणा से कारो निवासी सुदर्शन प्रसाद एवं चन्दा देवी के द्वारा अपने माता पिता की स्मृति में कराया गया है.

पूजन एवं आरती सुदर्शन प्रसाद एवं चन्दा देवी के द्वारा सम्पन्न किया गया. उद्घाटन के अवसर पर नव निर्मित प्रवेश द्वार को सुन्दर ढंग से सजाया गया था. पुराणों में वर्णित यह कामदहन भूमि कामेश्वर धाम ही वह स्थान है जहां तपस्यारत समाधिस्थ भगवान शिव को  काम देव ने जगाने का प्रयास किया था.  भगवान शिव ने देव सेनापति कामदेव को यहीं पर भस्म किया था. श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण के बालकाण्ड के तेइसवे अध्याय में भगवान शिव के इस साधना भूमि के सन्दर्भ में 8 से 16 श्लोक तक कामेश्वर धाम का वर्णन है. 

यह कथानक उस समय का है जब महर्षि विश्वामित्र अपने यज्ञ की रक्षा के लिए राजा दशरथ के दो पुत्रों भगवान श्री राम और श्री लक्ष्मण को मांग कर अयोध्या से अपने आश्रम सिद्धाश्रम, जो अब बक्सर के नाम से जान जाता है, ले जाते समय यहां पर रात्रि विश्राम किए थे.

कस्यायमाश्रम: पुण्य: को न्वस्मिन् वसते पुमानं।

भगवञ्छोतुमिच्छाव: परं कोतुहल हि नौ।8।

देवी पुराण महाभागवत में भी इस घटना का वर्णन मिलता है –

उवाच देवराजाहं करष्ये यत्वयोदितम्।

मोहयिष्ये यतात्मानं शिवं परमयोगिनम्।68।

महाशिवरात्रि एवं सावन में यहां दूर दूर से लाखों लोग दर्शन पूजन करने के लिए आते हैं. इस भव्य प्रवेश द्वार को तैयार करने मे लगभग 10 माह का समय और लगभग 8 लाख रूपये की लागत आई है. राज मिस्त्री लल्लन शर्मा ने बहुत ही कलात्मक ढंग से इस प्रवेश द्वार को तैयार किया है. उद्घाटन के उपरांत प्रसाद का वितरण किया गया.

इस अवसर पर शिव कुमार सिंह कौशिकेय जिला समन्वयक राष्ट्रीय पाण्डुलिपि संरक्षण मिशन बलिया (भारत सरकार) इंजीनियर डीएन उपाध्याय, अमित कुमार स्वर्णकार, आशीष उपाध्याय, पुरूषोत्तम प्रसाद गुप्ता, बिनोद गुप्ता, प्रेम नरायण राय, बडे लाल मौर्य, अनन्त सिंह, मारकण्डेय सिंह, बिनय अग्रवाल, बिरेन्द्र यादव, चन्द्र देव खरवार,श्री राम यादव, कैलाश यादव, जयराम राजभर, सुशर्मा मास्टर, समेत सैकडो की संख्या में लोग उपस्थित रहे.

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