बैरिया (बलिया)। बैरिया थानान्तर्गत सोनबरसा गांव के सामने शिवम पेट्रोल पंप पर डीजल भराने जा रहे बिजेन्द्र मिश्र (35) पुत्र स्व. सुरेन्द्र मिश्र निवासी भोजापुर थाना बैरिया पर अचानक हमला बोलकर मनबढों ने बेरहमी से पीटा. घटना मगलवार सुबह नौ बजे के लगभग की है. स्थानीय लोगों द्वारा घायल युवक को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनबरसा इलाज व मेडिकल मुआयना के लिए ले जाया गया.
उपस्थित अधीक्षक डॉ. विजय कुमार यादव ने प्राथमिक उपचार कर मेडिकल बनाने से इंकार कर दिया. इस बात पर वहां पहुंचे भाजपा के वरिष्ठ नेता सुरेंद्र सिंह के साथ चिकित्सक के साथ तू तू मैं मैं हो गई. डॉक्टर को मेडिकल बनाने को तैयार न होता देख सुरेन्द्र सिह अपने साथ आए अमिताभ उपाध्याय, अनिल सिह, निखिल उपाध्याय व मनोज गुप्ता के साथ डॉ. यादव के आवास पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे. वहां काफी संख्या में लोग उपस्थित होकर चिकित्सक की कड़े शब्दों मे निन्दा करने लगे.
उधर, अधीक्षक डा. यादव के कहने पर अस्पताल कर्मियों ने चिकित्सक के साथ बदसलूकी का आरोप लगाते हुए रोगियों को बाहर कर अस्पताल पर ताला लगा दिया है. इसकी सूचना पाकर मौके पर सदलबल पहुंचे एसएचओ बैरिया केके तिवारी ने स्थिति को गम्भीर होने से बचाते हुए सभी पक्षों से बात कर समझा बुझा कर चिकित्सक को मेडिकल बनाने, सुरेन्द्र सिंह को धरना समाप्त करने व तहरीर पर हमलावरों पर कार्रवाई करने तथा कर्मचारियों को हॉस्पीटल का ताला खोल इलाज शुरू कराने पर राजी किया. एक घण्टे विलम्ब के बाद हॉस्पीटल में आए रोगियों का इलाज शुरू हुआ. घायल बिजेन्द्र को जिला अस्पताल के लिए रेफर किया गया है. उधर, बिजेन्द्र के अनायास पिटाई के बारे में बताया गया कि सोनबरसा चौराहे के आसपास के मनबढ़ युवक एक पखवारे पूर्व पशु चिकित्सालय में कर्मचारियों से झगड़ा कर मार पीट पर आमादा थे. उस दौरान बिजेन्द्र वहां उपस्थित था और बीच बचाव किया था. इस बात का गुस्सा डीजल लेने जा रहे बिजेन्द्र की मार पीट कर मनबढों ने निकाला.
चिकित्सकों की अकड़ के चलते मोडिकोलीगल में आये दिन होता है विवाद
बैरिया (बलिया)। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सोनबरसा पर आए दिन मोडिकोलीगल बनवाने वालों को घण्टों परेशान होना पड़ता है. यहां तैनात डॉ. विजय यादव अधीक्षक हैं और डॉ. नवीन सिंह डिप्टी सीएमओ, ये दोनों लोग मेडिकोलीगल बनाने मे अपने पद के अनुरूप तौहीन समझते हैं. बचे दो चिकित्सक डॉ. अविनाश चौधरी व डॉ. आशीष श्रीवास्तव, जिन पर मुख्यचिकित्साधिकारी की मेहरबानी है. जब आते हैं तो मेडिकल बना देते हैं. इनके इन्तजार मे पीड़ितों को कभी कभी तीन चार दिन भी इन्तजार करना पड़ता है. घण्टा, दो चार घण्टा तो रोज की बात है.