बेल्थरारोड, बलिया. क्षेत्र के हल्दिरामपुर में बने सरयू नदी के रेगुलेटर का फाटक सम्बंधित विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के चलते ठीक से बंद नहीं होने से उल्टे नदी का पानी लगभग 100 ट्यूबेल का कोइली मुहांनताल में गिर रहा है। जिससे ताल का पानी सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन तक पहुंच गया है। किसानों को दोहरी मार झेलने की चिंता सताने लगी है।
ज्ञात हो कि अभी चार दिन पूर्व नदी का जल स्तर नीचे होने के चलते कोइली मुहांनताल का रेगुलेटर खुला हुआ था। एकाएक बीते रविवार को नदी का जल स्तर बढ़ने से रात में नदी का पानी उल्टे ताल की तरफ गिरने लगा। रात में ड्यूटी पर लगे कर्मचारी को इसकी जानकारी सुबह हुई तो रेगुलेटर का फाटक गिरा कर बंद करने का प्रयास किया, लेकिन पानी के दबाव के कारण पूरा बंद नहीं हो पाया है। फाटक टेढ़ा भी हो गया है। जिसके चलते लगभग 100 ट्यूबेल का पानी गिरने से किसानों के सैकड़ों एकड़ खेती की जमीन में पानी भर गया।
किसानों को चिन्ता सताने लगी है कि पूर्व में सूखा के चलते धान की फसल बर्बाद हो गयी। अब खेत में पानी भर जाने से गेंहू की खेती भी बाधित हो जायेगी। वहीं कोइली मुहांनताल पम्प कनाल की मोटर भी कई वर्ष से जली हुई है।
जनप्रतिनिधियों और सम्बंधित अधिकारियों के लाल फीता शाही रवैये के चलते सफेद हाथी बना हुआ है। रेगुलेटर का फाटक ठीक से बंद नहीं होने से लगातार नदी का पानी कोइली मुहाँन ताल में गिरने से जहाँ किसान गेंहू की बुआई को लेकर चिंतित हैं वहीं मछली मारने वालो कि चांदी कट रही।
(बेल्थरा रोड संवाददाता उमेश गुप्ता की रिपोर्ट)