बलिया। नगर के टीडी कॉलेज में शनिवार को प्रवेश परीक्षा के दौरान प्रवक्ता के साथ हुई मारपीट के मामले में सदर कोतवाली पुलिस ने सात नामजद समेत 16 अज्ञात छात्रों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है. कालेज के प्राचार्य डॉ.कृष्णकांत मिश्र की तहरीर पर पुलिस ने छात्रों पर विभिन्न धाराओं में कार्रवाई की है.
गौरतलब है कि शनिवार को प्रवेश परीक्षा के दौरान फर्जी छात्र को पकड़े जाने के बाद कुछ अराजक छात्रों ने कक्ष निरीक्षक अंकित श्रीवास्तव पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था. इसको लेकर कालेज में काफी हंगामा भी हुआ, जिसके बाद भारी संख्या में पुलिस बल भी लगानी पड़ी. इसको लेकर अनिश्चितकाल के लिए कालेज को बंद कर दिया गया. मामले में पूरे दिन बवाल चला जिसमें देर शाम को जिलाधिकारी के कैंप कार्यालय पर कालेज प्रशासन व अधिकारियों के साथ हुई.
बैठक में डीएम सुरेंद्र विक्रम ने शिक्षकों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया था. मामले में जिलाधिकारी ने बवाल करने वाले छात्रों पर गैंगस्टर एक्ट व एनएसए के तहत कार्रवाई करने के आदेश दिए थे. ऐसे में जिलाधिकारी की सख्ती के कारण पुलिस मामले में सक्रियता दिखाते हुए इसमें छात्रों पर मुकदमा उनके खोजबीन में जुट गई है. पुलिस ने घटना में प्राचार्य की तहरीर पर सोहेब खां पता अज्ञात के साथ ही छह अन्य लोगों को नामजद करते हुए 15-16 अज्ञात पर रिपोर्ट दर्ज कर लिया है. ऐसे में पुलिस की इस कार्रवाई के बाद छात्रों में भी काफी रोष की स्थिति है.
जिलाधिकारी कालेजों की स्थिति को लेकर गंभीर
टीडी कालेज में शनिवार को हुई घटना को जिलाधिकारी सुरेंद्र विक्रम ने पूरी तरह गंभीरता से लिया है. जिलाधिकारी ने देर शाम को कैंप कार्यालय पर आयोजित बैठक में एएसपी को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कालेज में जो भी कुछ भी वह बेहद आपत्तिजनक है. कहा घटना की पूरी पारदर्शिता के साथ जांच कर इसमें जो भी दोषी हैं, उन पर गैंगस्टर व एनएसए के तहत कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि कॉलेज में असामाजिक तत्वों के प्रवेश पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और इसमें जो भी रोड़ा बनता है. उससे पुलिस सख्ती से निपटे.
इसके अलावा जिलाधिकारी ने कॉलेजों में इस तरह के वारदातों को रोकने के लिए उनमें प्रॉक्टोरियल बोर्ड के गठन के भी निर्देश दिए. इससे छात्रों व बोर्ड के सदस्यों के बीच सीधा संवाद होगा, जिससे कालेज में जो भी समस्याएं होंगी, उसका समाधान आराम से हो सकेगा. कहा ऐसी समस्याओं का समाधान सिटी मजिस्ट्रेट, सीओ सिटी व कालेज के प्रबंध तंत्र मिलकर कर सकेंगे. इससे कालेज की आधारभूत चीजें भी पूरी तरह दुरुस्त होंगी.