जनसभा को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चंद्रशेखर ने बलिया को नई पहचान दी थी. उन्होंने हमेशा मूल्यों व आदर्शों की राजनीति की. देशहित उनके लिए सर्वोपरि था. संसदीय लोकतंत्र की मजबूती उनकी अहम भूमिका थी. पूरे भारत में उनके प्रशंसक हैं। जब लोकतंत्र को कुचलने का प्रयास हुआ तो वह देश के लिए मुखर स्वर बने. जब स्वदेशी आंदोलन चला तो उन्होंने खुलकर इसका समर्थन किया था. मूर्ति निर्माण का कार्य आजमगढ़ में हुआ है, उस हस्तशिल्पकार की तारीफ करनी होगी.