मृदुभाषी स्वभाव के हृदय नारायण सिंह से किसी से गांव में कोई रंजीश नहीं बताई जा रही है. यही कारण रहा की चार बार उनके घर में ही प्रधानी रही। जिसमें वह खूद दो बार प्रधान रहे ,एक बार उनकी पत्नी व एक बार उनकी भौजाई प्रधान रही. दो बार से वह केन्द्रीय उपभोक्ता भण्डार बलिया लगातार अध्यक्ष थे.