ग्रामीणों के मुताबिक बांसडीह के राजा रहे शुभ नारायण पांडे जंगल में स्थित किसी चीज की खुदाई करा रहे थे कि इसी बीच उनको खम्भे के आकार का एक शिवलिंग दिखाई दिया. शुभ नारायण पांडे इस शिवलिंग को बांसडीह नगर में लाकर स्थापित करना चाहते थे. लेकिन खुदाई के बाद भी शिवलिंग जमीन से बाहर नहीं आ सका और वहां खून की धारा बहने लगी.