भारतीय जीवन बीमा निगम में अपना उत्कृष्ट योगदान देने वाले अभिकर्ताओं को किया सम्मानित

वरीयता के क्रम में प्रथम पुरस्कार सत्येंद्र कुमार पाण्डेय, द्वितीय पुरस्कार दीपक कुमार पाण्डेय, तृतीय पुरस्कार बबिता तिवारी, चतुर्थ बृज मोहन पाण्डेय, पंचम स्थान अविनाश कुमार, छठे स्थान अनुज कुमार सिंह रहे.

भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ का जिला महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह का गड़वार में 12 नवंबर को

गड़वार. भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ का जिला महासम्मेलन एवं सम्मान समारोह का गड़वार में 12 नवंबर शनिवार को आयोजन होगा। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉक्टर भगवान प्रसाद उपाध्याय राष्ट्रीय संयोजक भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ …

गौतम इंडेन गैस सेवा केन्द्र रेवती के प्रो. राजेश गौतम को चेयरमैन पैनल बेस्ट अवार्ड आफ इंडिया से किया सम्मानित

रेवती, बलिया. इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा उदयपुर राजस्थान के अरावली होटल में आयोजित एक समारोह में रविवार को गौतम इंडेन गैस सेवा केन्द्र रेवती के प्रो० राजेश गौतम को एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर आईओसीएल चेयरमैन …

ईश्वर के सभी 24 अवतार भारत भूमि पर ही हुए- डॉ० श्याम सुंदर पाराशर

डॉ० पराशर जी ने बताया कि भारत भूमि की विशेषता है कि यहां बैकुंठ नाथ है. दुनिया के तपस्वी संत भारत में ही निवास करते हैं. सुखदेव जी महाराज बैकुंठ नाथ की कथा जब-जब सुनाया है वह भारत की भूमि ही रही है.

बांसडीह इंटर कॉलेज में ‘विविधता में एकता, भारत की विशेषता’ विषय पर गोष्ठी का आयोजन

सांसद वीरेंद्र सिंह ने कहा कि हम केवल भारत के सीमा तक ही अपने सभ्यता, परंपरा एवं संस्कृति को सीमित नहीं रखते हैं. हमारे ऋषियों मुनियों हमारे गौरव शाली परंपरा ने हमारे वसुधैवकुटुम्बकम का मार्ग दर्शन दिया है।और हम दुनिया को अपना परिवार मानते हैं  यही विविधता में एकता है.

राष्ट्रनिर्माण में भारतीय जीवन बीमा निगम की भूमिका महत्वपूर्ण है-डीएम

बलिया. भारतीय जीवन बीमा निगम अपनी स्थापना की 66वीं वर्षगांठ मना रहा है. ज्ञात हो कि 1 सितंबर 1956 को 200 से अधिक बीमा कंपनियों का विलय कर जीवन बीमा का राष्ट्रीयकरण किया था, …

देखो वीर जवानों अपने खून पे ये इल्जाम ना आए…

द्वाबा के बुजुर्गों में बिखरी पड़ी 18 अगस्त 1942 के जंगे आजादी के संघर्ष की कड़ियों को समेटने पर यह बात सामने आती है कि कभी बहुत पहले मंगल पांडे ने स्वाधीनता के सपनों का जो बीज बोया था व सन् 42 में जवान हो चुका था. महात्मा गांधी के “करो या मरो” आवाहन की जागृति द्वाबा में भी आई. उस कालखंड में देश के बड़े नेता जेल में बंद थे.