डीआईओएस ने जिलाधिकारी को विद्यालय का निरीक्षण कराया जहां पर इस बात का ध्यान रखा गया कि परीक्षा देते समय किसी परीक्षार्थी को किसी भी प्रकार की समस्या ना आने पाए. इस बात को सुनिश्चित कर लिया गया कि परीक्षा केंद्र पर किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस आदि का प्रयोग नहीं किया जा रहा है जिससे कि परीक्षा की सुचिता पर प्रश्न चिन्ह लगे.
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पूनम तिवारी ने बताया- शिशु को जन्म के एक घंटे के भीतर स्तनपान कराया जाना बहुत जरूरी है. मां का पहला गाढ़ा दूध बच्चे के लिए टीके के समान होता है. मां के दूध में वह सभी आवश्यक तत्व होते हैं जो बच्चे के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए जरूरी होते हैं. उन्होंने कहा शिशु को छह माह तक मां के दूध के सिवाय कुछ नहीं देना है, यहां तक कि पानी भी नहीं. छ: के उपरांत शिशु को मां के दूध के साथ—साथ ऊपरी आहार जरूर देना चाहिए.