आज 2 मई है, शारदानंद अँचल में आस्था रखने वाले लोगों के लिये यह तारीख अति महत्वपूर्ण है. पूर्वांचल के समाजवादियों के लिए यह दिन 12 अक्टूबर से कम मायने नहीं रखता, जहां एक तरफ देश ने 12 अक्टूबर को लोहिया को खोया था वहीं 2 मई को बलिया ने अपना होनहार बेटा खोया था.