कार्यक्रम की शुरुआत पं०अश्वनी कुमार उपाध्याय ने ज्ञान एवं स्वर की देवी, मां सरस्वती के चित्र पर दीप जला एवं श्रद्धा सुमन अर्पित कर किया. गायक हरेराम पाठक ब्यास एवं गायक राजेश पाठक ने अपनी पारंपरिक फाग गीत- “जेहि सुमिरत सब काम बनतु है, सुमिरीले श्रीभगवान… “प्रण यही मेरो, एक राम से खेलब होरी…एवं ” इतसे निकली नवल राधिका, उतसे कुंवर कन्हाई.. व “इत शिव भूत- प्रेत लिए संग में, वाहन बैल सवारी..आदि गीतों की प्रस्तुति कर लोगों को खूब झूमाया.