मोहल्ला बिशुनीपुर स्थित स्व. मुनीर हसन जैदी साहब के इमाम बार गाह से गत वर्षों की तरह 25 सफर को अपरान्ह चेहल्लुम के अवसर पर अंजमुन हाशिमियां के तत्वावधान में जैसे ही तबरूकात बरामद हुए, वैसे ही लोगो की आंखे आंसुओं से भर गईं. लोग शोहदाए कर्बला इमाम हुसैन और उनकी आलव साथियों पर हुए अमानवीय जुल्म की कहानियां सुनकर सीना जनी (मातम) करने लगे.