शहर में रैली निकाली, मनाया पोलियो दिवस

पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जनपद में सघन पल्स पोलियो अभियान 15 से 23 सितंबर तक चलाया जायेगा. इसके लिए शहर में जन जागरूकता रैली निकाली गयी.

बलिया में पल्स पोलियो अभियान 15 सितंबर से

बलिया: जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत की अध्यक्षता में एक बैठक में 15 सितंबर से 23 सितंबर तक पल्स पोलियो अभियान चलाने पर विचार किया गया. पल्स पोलियो को सफल बनाने के लिए तैयारियों पर चर्चा की गई. 

pulse polio meeting

पल्स पोलियो पर बैठक 12 सितंबर को

बलिया:कलेक्ट्रेट सभागार में DM भवानी सिंह खंगारौत की अध्यक्षता में पल्स पोलियो कार्यक्रम 15 सितंबर तथा नियमित टीकाकरण सुदृढ़ीकरण हेतु जिला टास्क फोर्स की बैठक 12 सितंबर को अपराह्न तीन बजे बुलायी गयी है. …

पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान की रणनीति पर चर्चा

पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान 02 अप्रैल की सफलता के लिए जिलाधिकारी गोविंद राजू एनएस की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में एक बैठक हुई. जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य महकमे को पूरे मनोयोग से अभियान में लग जाने को कहा.

नौनिहालों को पिलाई अमृत बूंद

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने रविवार को जिला महिला चिकित्सालय में नवजातों को पोलियो की दवा पिलाकर पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान का शुभारम्भ किया. उन्होंने दर्जनों नवजातों को दवा पिलाई.

पोलियो खुराक पिलाने के लिए खुले स्कूल

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह के निर्देश पर पोलियो की दवा पिलाने के लिए रविवार को जिले में प्राथमिक विद्यालय खुले रहे और एमडीएम बना. प्रत्येक एबीएसए अपने क्षेत्र में भ्रमण कर निरीक्षण भी करते रहे. इस अवसर पर स्कूलों में बच्चों को एमडीएम खिलाया गया. पोलियो की दवा पिलाने के साथ मतदाता पंजीकरण कार्य भी बीएलओ द्वारा किया गया.

पोलियो मुक्ति अभियान की रैली निकली

लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए शनिवार को पल्स पोलियों प्रतिरक्षण अभियान की विशाल रैली निकली. रैली का शुभारम्भ टाउन इण्टर कालेज चौराहे पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. पीके सिंह ने हरी झंण्डी दिखाकर किया.

दवा पिलाने में न छूटे एक भी बच्चा                  

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान के तहत बूथ-डे पर 0-5 वर्ष तक के ज्यादा से ज्यादा बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाए. उन्होंने इस बात पर विशेष जोर दिया कि अभियान के दौरान 0-5 वर्ष तक का एक भी बच्चा दवा पीने से न छूटे.