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भारतीय स्टेट बैंक की स्थानीय शाखा का सर्वर बुधवार को भी लगातार दूसरे दिन डाउन रहके कारण पैसा नहीं निकल पाने से गुस्साए लोगों ने न सिर्फ बैंक मे तोड़ फोड़ किया, अपितु बलिया -सिकन्दरपर मार्ग पर चक्का जाम कर दिया. थानाध्यक्ष सुखपुरा व क्षेत्र के कुछ प्रबुद्ध जनों के हस्तक्षेप तथा शाखा प्रबंधक से वार्ता के बाद लोगों ने जाम खत्म किया.


भले ही केंद्र सरकार ने शादी वाले घरों में ढाई लाख रुपये अपने खाते से निकालने के आदेश जारी कर दिए हों, लेकिन बैंकों में स्थिति लाख कोशिशों के बाद भी बदल नहीं पा रही है. जिनके घर 30 नवम्बर को ही शादी थी, उनको भी चार हज़ार रुपये देकर टरकाने का प्रयास किया जाता रहा. कहा जा रहा था कि बैंकों के पास करेंसी नहीं है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तुगलकी फरमान नोट बन्दी को लेकर आज आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार जिला चुनाव अभियान प्रचार समिति के तत्वावधान में सैकड़ों की संख्या में कांग्रेस जनों ने टाउनहाल से रैली निकाली, जो कासिम बाजार होते हुए गांधी चौक महावीर मन्दिर, एलआईसी रोड शीशमहल होते हुए आर्य समाज रोड, रेलवे स्टेशन जाकर एक सभा में परिवर्तित हो गई.






नोट बंदी के दो हफ़्तों से अधिक समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीण अंचलों के बैंकों द्वारा भुगतान न किये जाने से लोगों की समस्यायें कम होने का नाम नहीं ले रही है. ग्रामीण अंचलों के बैंकों पर दलालों का कब्जा है, ग्राहक प्रतिदिन बैकों का परिक्रमा कर निराश होकर बैंक कर्मियों को खरी खोटी सुनाकर लौट जा रहे है. जबकि सरकार लोगों की समस्याओं के दूर करने के लिए रोज कोई न कोई नया आदेश पारित कर रही है.


बीते कई दिनों की तरह नोट बदलने के लिए लोग सुबह से ही लाइन में लग गए थे. लोगों को घंटों लाइन में लगने के बाद भी पैसा नहीं मिल रहा है. बांसडीह क्षेत्र अंतर्गत स्टेट बैंक, यूनियन बैंक, पूर्वांचल बैंक व डाकघर है. बुधवार को देर शाम आक्रोशित लोगों ने बैंक का शीशे का दरवाजा तोड़ दिए. इसके बाद बैंक प्रबंधक एसके राय ने टोकन से पैसे जमा व निकासी की व्यवस्था की.



बैंकों में एक दिन की छुट्टी के बाद मंगलवार को एक बार फिर पैसा जमा करने पैसा निकालने एवम पैसा बदलने के लिये बैंकों पर देर शाम तक ग्राहकों की भीड़ उमड़ी रही. बैंकों में देर शाम तक लंबी लाइन लगाने के बाद भी पैसा न मिलने से निराश लोग सरकार को खरी खोटी सुनाते हुए अपने घर गए. कुछ बैंकों ने पैसा देना शुरू भी किया तो कुछ ही देर में पैसा की कमी बताकर कर हाथ खड़े कर दिए.