बतकही वैसे भी यह देश आज भी जुगाड़ से ही चलता है… बाकी तो जो है हईए है… क्या आपने कभी सुना है कि फलां मेट्रो पैसेंजर को फांसी हुई इसके बाद लोग कांशस हो गए…. नहीं न…