बाढ़ में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं जवान

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने रविवार को बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री का वितरण किया. उन्होंने बैरिया तहसील के सुघरछपरा केंद्र पर श्रीनगर के बाढ़ पीड़ितों को 20-20 किग्रा. आटा व चावल, 04 किग्रा दाल, 10 किग्रा आलू, 05 ली किरोसिन, माचिस, मोमबत्ती, साबुन, बिस्किट, नमक एवं बाल पोषाहार का पैकेट दिया.

बाढ़ पीड़ितों के दर्द पर मरहम लगाया

राष्ट्रनायक चन्द्रशेखर मैराथन समिति ने गुरुवार को भरौली से लेकर दूबेछपरा तक के बाढ़ व कटान पीड़ितों के दर्द पर मरहम लगाने का पूरा-पूरा प्रयास किया.

जहां देखों वहीं पानी, मगर पीने के पानी कहीं नहीं

गंगा और उनके छोरों के बीच चल रहा है आइस पाइस. नेता लोग आते हैं, घुमते हैं, फोटो खिंचवाते हैं, चले जाते हैं. पानी में रहकर भी पानी के लिए मोहताज. संकट की इस घड़ी में कई गांवों के प्रधान ‘लापता’ है. मवेशी से लेकर बच्चों तक, पूरी दुनिया हाईवे पर है

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डीएम का तूफानी दौरा

जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने गंगा एवं घाघरा नदी के बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का शुक्रवार को तूफानी दौरा किया. उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों को बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्य को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए. उन्होंने कटान के संवेदनशील स्थानों पर तत्काल सुरक्षा के मुकम्मल उपाय करने का निर्देश सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के अभियंताओं को दिया.

बलिया में बाढ़ : ‘मां’ ने छीनीं बहनों की खुशियां

गंगा नदी का तेवर गुरुवार को भी तल्ख रहा. नदी के जलस्तर में प्रति घंटे एक सेमी की रफ्तार से वृद्धि रिकार्ड की गयी. शाम सात बजे नदी गायघाट गेज पर 59.324 मीटर पर बह रही थी.

फिलहाल थिराने के मूड में नहीं दिख रही गंगा

गायघाट गेज पर ख़तरा बिंदु से 40 सेंटीमीटर उपर बह रही गंगा द्वाबा में भारी तबाही मचा रही है. चौबेछपरा में स्थिति काफी भयावह हो गई. लोग रिहायशी मकानों को उजाड़ने में लगे रहे. इस दौरान कई गांवों में लोग अपना सब कुछ छोड़ कर सुरक्षित ठिकानों की ओर रूख कर गए.

अब बलिया शहर में दाखिल हो चुकी हैं गंगा

बीते तीन दिनों के झमाझम बारिश के बाद किसानों की तो बल्ले बल्ले हो गई हैं, मगर कई जगह बाढ़ जैसी हालत हो गई है. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को छू रहा है. हालांकि सोमवार की शाम सिंचाई विभाग बाढ़ खण्ड के बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर गायघाट में 57.400 मीटर, घाघरा का जलस्तर डीएसपी हेड में 63.375 मीटर, घाघरा का जलस्तर चांदपुर में 57.86 मीटर, मांझी में 54.40 मीटर एवं टोंस नदी का जलस्तर पीपरा घाट पर 58.60 मीटर है. अर्थात बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट बता रही है कि जनपद में नदिया बढाव पर है, किन्तु खतरा बिन्दु से नीचे है.

गंगा खतरे के निशान से मात्र 80 सेंटीमीटर नीचे

बलिया में गंगा तटीय इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. केंद्रीय जल आयोग गायघाट के अनुसार बुधवार की शाम चार बजे गंगा का जलस्तर 56.80 मीटर दर्ज की गई. खतरे के निशान से 80 सेंटीमीटर नीचे बह रही है. वैसे गंगा के जलस्तर में वाराणसी में जारी बढ़ोतरी पर मंगलवार को जहां लगाम लगी है, वहीं दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और हरिश्चन्द्र घाट समेत अधिसंख्य घाटों की सीढ़ियां और मंदिर अब भी पानी में हैं. संगम नगरी इलाहाबाद में भी गंगा के जलस्तर में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.