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जलस्तर में बढ़ोत्तरी की रफ्तार यदि यूं ही बनी रही तो गंगा जल्द ही लाल निशान को पार कर जाएगी. गंगा में बढ़ाव के चलते चौबेछपरा गांव के सामने धसका कटान भी शुरू हो चुका है. इसके भय से चौबेछपरा के लोग अपने ही हाथों न सिर्फ आशियानों पर हथौड़ा चला रहे है, बल्कि सुरक्षित ठौर की तलाश में भी जुटे हैं. लेकिन प्रशासन अब भी कुंभकर्णी नींद से नहीं जग सका है.
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार बुधवार को अपराह्न घाघरा का जलस्तर 62.020 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.990 मीटर कम है. केंद्रीय जल आयोग के कर्मचारियों का कहना है कि पिछले 24 घंटे से चार से पांच सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से जलवृद्धि हो रही है. जनपद के आखिरी छोर पर बसे बिल्थरारोड के तटवर्ती इलाकों में घाघरा पूरे उफान पर है. नदी के जलस्तर में तेजी से जारी बढ़ाव के कारण अब चेतावनी लेवल से महज 30 सेमी दूर रह गई है. यहां शाम छह बजे नदी का जलस्तर 62.710 मीटर दर्ज किया गया. तुर्तीपार हेड पर चेतावनी लेवल 63.010 मीटर रिकार्ड है. आशंका है कि गुरुवार की सुबह तक नदी का जलस्तर चेतावनी लेवल पार कर जाएगा.
मंगलवार को अपराह्न जलस्तर 61.590 मीटर दर्ज किया गया, जो लाल निशान 64.010 मीटर से 2.420 मीटर कम है. सोमवार को घाघरा का जलस्तर 61.155 मीटर दर्ज किया गया था. यह केंद्रीय जल आयोग का आंकड़ा है. पांच दिन तक लगातार घटाव पर रही घाघरा नदी के जलस्तर में बहुत तेजी से वृद्धि शुरू हो गई है. इसी के साथ कई स्थानों पर कटान से उपजाऊ भूमि नदी में समाती जा रही है. घाघरा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम देखकर तटवर्ती बाशिंदों के होश उड़ गए हैं. पिछले 24 घंटे में नदी के जलस्तर में 0.435 मीटर की अप्रत्याशित वृद्धि हुई है. करीब 60 डिसमिल ऊपजाऊ भूमि कटान की भेंट चढ़ चुकी है. उधर डुंहा स्थित बनखंडी नाथ मठ की सुरक्षा के लिए कुछ महीने पहले सुरक्षा कवच के ध्वस्त हो जाने से स्थानीय साधु-संतों की भी नींद हराम हो गई है.