इस बाबत जब विकासखंड दुबहर के प्रगतिशील किसान शशि भूषण पांडे से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हार्वेस्टर मशीन के द्वारा खेतों में गेहूं की कटाई लड़ाई दोनों हो रही है. किसानों के साथ समस्या है कि जब कोई क्रय केंद्र चालू नहीं है तो गेहूं को कहां पहुंचाया जाए. उन्होंने बताया कि मंडी समिति टकरसन क्रय केंद्र पर मैं जब गया तो बताया गया कि अभी तक खरीदारी शुरू नहीं हुई है. उन केंद्रों पर गेहूं क्रय केंद्र का बैनर तथा गेहूं क्रय केंद्र का रेट 2015 रुपये जरूर अंकित है परंतु किसानों से गेहूं की खरीद नहीं की जा रही है.