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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बैरिया के उप जिलाधिकारी आत्रेय मिश्र ने कहा कि विद्यार्थी जीवन में लक्ष्य का बड़ा ही महत्व है, आप सब लोग अपना लक्ष्य जरूर निर्धारित करें और यह ध्यान रहे कि लक्ष्य बड़ा हो और उसके लिए जो भी इस प्रकार की तैयारी करनी है वैसी तैयारी में जी जान से लग जाए तभी सफलता मिलेगी. बिना तैयारी के कठिन साधना के लक्ष्य मिलेगा नहीं.
समिति के अध्यक्ष डॉ प्रेम प्रकाश सिंह ने बताया कि पुण्यतिथि कार्यक्रम नागा जी सरस्वती विद्या मंदिर, भोजापुर, बैरिया में होगा जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती केतकी सिंह, विधायक एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में श्री आत्रेय मिश्रा, उपजिलाधिकारी, बैरिया एवं श्री रजत सिंह, नायाब तहसीलदार, बैरिया उपस्थित रहेंगे.
आयोजित गोष्ठी में निदेशक, शैक्षणिक, डाॅ पुष्पा मिश्र ने विद्यार्थियों को यातायात के नियमों का पालन करने की सीख दी. कहा कि यातायात के नियम आपको दुर्घटना से बचाने के लिए हैं, अतः इसका पालन आपको स्वतः करना चाहिए. डाॅ प्रियंका सिंह, एसोसिएट प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र व डाॅ अजय चौबे, एसोसिएट प्रोफ़ेसर, अंग्रेजी ने भी विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के विभिन्न आयामों मसलन तेज रफ्तार से न चलना, नशे में गाड़ी न चलाना, सिग्नल का पालन करना आदि को अपनाने को प्रेरित किया.
आंगनबाड़ी कार्यकत्री सुनीता तिवारी एवं रीता सिंह ने गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पौष्टिक आहार, स्तनपान एवं अन्य जानकारियां उन्हें प्रदान की तथा मोबाइल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उन्हें 12 बजे से 2 बजे तक स्तनपान जागरूकता का लाइव दिखाया. पोषण पाठशाला का आयोजन करने का उद्देश्य कुपोषण को दूर करना एवं पोषण के प्रति महिलाओं को जागरूक करना था.
खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण, नई दिल्ली, ( FSSAI, New Delhi) के महात्वाकांक्षी योजना “ईट राइट इनिशियेटिव के अंर्तगत सभी खादय कारोबारियों को चरणबद्ध तरीके से प्रशिक्षण दिया जाएगा. आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन 30 प्र0 द्वारा फॉस्टक (FosTac) प्रशिक्षण के लिए रेहड़ी एवम पटरी व्यापारियों से 2525 प्रति व्यक्ति एवं छोटे कारोबारियों से 900 रुपये प्रति व्यक्ति शुल्क प्रथम चरण के प्रशिक्षण के लिए निर्धारित किया गया है.
प्राधिकरण के प्रभारी सचिव सर्वेश मिश्रा ने बताया कि इस लोक अदालत में सबसे ज्यादा राजस्व विभाग ने 14261 मामलों को निस्तारित किया, जबकि मोटर क्लेम से जुड़े 23 मामले हल हुए. फौजदारी एवं सिविल वादों से जुड़े कुल 1035 मामले निस्तारित किए गए, जिसमें 3.46 लाख रुपये अर्थदण्ड व 2.05 लाख समझौता राशि वसूल की गई.