सपा नेता मनोज सिंह ने बैरिया विधायक पर आरोपों की झड़ी लगा दी

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

कटान रोधी कार्य की उच्च स्तरीय जांच और बंद कार्यों को एक पखवाड़े के अंदर
पूरा नहीं करवाया गया तो दुबे छपरा में मैं बेमियादी अनशन पर बैठ जाऊंगा और यह अनशन तब तक जारी रहेगा जब तक पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच व कटान रोधी कार्य शुरू नहीं हो जाएंगे. ऐसा कहना है समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मनोज सिंह का.

मनोज सिंह गुरुवार को बैरिया स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बैरिया विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह पर आरोपों की झड़ी लगा दी. कहा कि तीन-चार घंटे बिजली मिलने की शिकायत के क्रम में मुख्यमंत्री को पत्र लिखने के लिए बैरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने उन्हें विधायक नहीं चुना है. उन्हें बिजली को लेकर विधानसभा में प्रश्न उठाना चाहिए और समस्या का समाधान करना चाहिए. झरकटहां व भाखर में ही कच्ची शराब बनाने बेचने का धंधा नहीं होता, बल्कि दयाछपरा सहित क्षेत्र के कई स्थानों पर अवैध शराब बनता है, बिकता भी है. अंग्रेजी शराब की भी खूब तस्करी हो रही है. फिर केवल भाखर और झरकटहां का मुद्दा ही क्यों उठाया जा रहा है?

मनोज सिंह ने सपा के शासन में बिजली की व्यवस्था का वर्णन करते हुए कह कि हम लोगों के महज एक टेलीफोन पर ट्रांसफार्मर लग जाते थे. बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान हो जाता था, किंतु आज सत्ता पक्ष का विधायक तीन-चार घंटे बिजली मिलने का रोना मुख्यमंत्री के समक्ष रो रहा है. यह लोकतंत्र के लिए शुभ लक्षण नहीं है.

मनोज सिंह ने बैरिया पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि ट्रैक्टर से बालू लाने पर पाबंदी लगा दी गई है, जबकि बैरिया पुलिस पूरी रात अपने संरक्षण में बिहार से जयप्रभा सेतु के रास्ते ट्रकों से बालू पार करा रही है. ट्रैक्टरों से आने वाले बालू पर रोक के कारण 1 लाख 20 हजार प्रधानमंत्री आवास व अन्य सरकारी आवासों का निर्माण कार्य अधर में लटके हुए है. यह है भाजपा की उपलब्धि. सबका साथ सबका विकास का नारा देकर सत्ता में आने वाली भाजपा सरकार केवल अपने लोगों के विकास के बारे में सोच रही है. यह प्रदेश की जनता भली भांति जान चुकी है. आने वाले दिन में भाजपा की विदाई तय है. बाढ़, कटान व ड्रेजिंग कार्य में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए सपा नेता ने विधायक की चुप्पी पर चुटकी लेते हुए कहा कि छोटे-छोटे मुद्दे पर अपना बयान देकर जनता को गुमराह करने वाले विधायक इस मुद्दे पर क्यों चुप हैं? विधानसभा में यह मुद्दा क्यों नहीं उठाया? ब्लैक लिस्टेड ठेकेदार को ठेका कैसे मिल गया? इस मामले को विधायक जी को जनता के समक्ष स्पष्ट करना चाहिए.

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