सोशल मीडिया पर तो पहले से ही सीएम हो गए थे योगी

तब चर्चा में था प्रभाकर का गीत – जनता सीएम मांग रही है श्री योगी योगी’

लवकुश सिंह

यूपी में विधान सभा का चुनाव की तैयारियां चल रही थी. सभी दलों में उच्‍चस्‍तरीय बैठकों का दौर चल रहा था, तभी सोशल मीडिया फेसबुक आदि पर संपूर्ण पूर्वांचल में कट्टर हिंदू नेता गोरखपुर के सांसद आदित्‍यनाथ योगी को यूपी के सीएम के रूप उन्‍हें हजारों लोगों ने प्रस्‍तुत कर दिया था. सीएम उम्मीदवार के तौर पर योगी की दावेदारी मजबूत करने का समर्थकों का यह अभियान चुनाव से पूर्व 2015 से ही चल रहा था. उस वक्‍त गोरखपुर में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मंच पर गायक प्रभाकर मौर्य और उनके साथियों का म्यूजिक वीडियो, ‘जनता सीएम मांग रही है श्री योगी योगी, ‘बाबा योगी आदित्यनाथ का नारा, बोल रहा है यूपी सारा’ सहित कई वीडियो की लिस्ट यू ट्यूब के सर्च इंजन में योगी का नाम डालते ही दिखने लगती थी. गायक प्रभाकर ने तब शायद श्री योगी, योगी वाला वीडियो पब्लिक की डिमांड पर ही वाराणसी में शूट किया था. इसके अलावा और भी तमाम वीडियो अलग-अलग स्थानों पर शूट किए गए और सोशल मीडिया पर तभी से चल रहे थे.

युवा चला रहे जबरदस्त मुहिम
सोशल मीडिया की बात करें तो पीएम मोदी के बाद अगर कोई नेता सबसे ज्यादा चर्चा में आया तो वह हैं गोरखपुर के सांसद और महंत योगी आदित्यनाथ. मात्र कुछ ही महीनो में ही I Support Yogi Adityanath नाम के फेसबुक पेज से लगभग पांच लाख से अधिक लोग जुड़ चुके थे. सांथ ही जबरदस्त समर्थन लोगों का सोशल मीडिया पर मिल रहा था. योगी के नाम से फेसबुक पर कम से कम एक दर्जन और ट्वीटर पर दो दर्जन से ज्यादा एकाउंट तभी से चल रहे हैं. इन एकाउंट्स से रोज सैकड़ों पोस्ट आ रहे थे, जिनमें उन्हें सीएम उम्मीदवार बनाने की इच्छा जताई जा रही थी. दर्जनों की संख्या में फेसबुक पेज भी हैं, जो तमाम मुद्दों पर योगी के रुख का समर्थन करते हुए उन्हें अब तक का सबसे मजबूत सीएम उम्मीदवार बताते रहे. ‘आई सपोर्ट योगी आदित्यनाथ’ के नाम से एक पेज पर 7 लाख 50 हजार से भी अधिक लाइक्स हैं. इसी तरह ट्वीटर पर भी 28 से ज्‍यादा अकाउंट चल रहे हैं. अब जब उन्‍हें यूपी का सीएम घेषित किया गया तो इसका एक श्रेय सोशल मीडिया पर लगातार उनके पक्ष में मुहिम चला रहे, उन तमाम युवाओं को भी जाता है.

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एक परिचय योगी आदित्‍य नाथ

योगीजी का जन्म देवाधिदेव भगवान् महादेव की उपत्यका में स्थित देव-भूमि उत्तराखण्ड में 5 जून सन् 1972 को हुआ. शिव अंश की उपस्थिति ने छात्ररूपी योगी जी को शिक्षा के साथ-साथ सनातन हिन्दू धर्म की विकृतियों एवं उस पर हो रहे प्रहार से व्यथित कर दिया. प्रारब्ध की प्राप्ति से प्रेरित होकर आपने 22 वर्ष की अवस्था में सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ग्रहण कर लिया. उन्‍होंने विज्ञान वर्ग से स्नातक तक शिक्षा ग्रहण की तथा छात्र जीवन में विभिन्न राष्ट्रवादी आन्दोलनों से भी जुड़े रहे. भगवाधारी योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से सांसद हैं. लोकसभा चुनाव में उन्होंने लगातार पांच बार जीत दर्ज की है. योगी आदित्यनाथ बीएससी पास हैं और 26 साल की उम्र से ही सांसद हैं. वह 2014 में पांचवीं बार संसद पहुंचे हैं, किंतु उनकी इस चमत्कारी जीत के पीछे उनका कट्टर हिंदुत्व का एजेंडा है. ऐसा एजेंडा जिससे उनकी ताकत लगातार बढ़ती गई.

1998 में शुरू हुई राजनीतिक पारी
योगी आदित्यनाथ का असली नाम है अजय सिंह. वह मूल रूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं. गढ़वाल यूनिवर्सिटी से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई की और गोरखनाथ मंदिर के महंत अवैद्यनाथ ने उन्हें दीक्षा देकर योगी बनाया था. अवैद्यनाथ ने 1998 में राजनीति से संन्यास लिया और योगी आदित्यनाथ को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया. यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई. 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे.

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