स्वप्निल राय की पिटाई की कड़े शब्दों में निंदा

रेवती (बलिया)। मंगलवार को हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर  स्थानीय बस स्टैंड स्थित एक हाल में “आज का दौर, पत्रकारिता एवं कठिनाइयां “विषयक संगोष्ठी संपन्न हुई. गोष्ठी को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि आज की तेज रफ्तार जिंदगी के दौर में पत्रकारिता कठिन हो गई है. पहले संसाधन के अभाव के बावजूद भी पत्रकारिता सरल थी, परंतु आज विभिन्न सुविधा परक संसाधनों के बीच भी पत्रकारों को विभिन्न घातक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.

सबसे कठिन कार्य ग्रामीण पत्रकारों का है जो भीषण गर्मी, हाड़ कंपा देने वाली ठंड तथा बरसात में विभिन्न कठिनाइयों को झेलते हुए समाचार संकलन का कार्य करते हैं. बावजूद इसके इनको जो सुविधा मिलनी चाहिए नहीं मिलती, जब कि पत्रकारिता का उद्भव ग्रामीण अंचलों से ही शुरू होता है. विभिन्न झंझावातों को झेलते हुए ग्रामीण पत्रकारों के मुख पर हमेशा प्रसन्नता झलकती रहती है, लेकिन दिलों में हमेशा एक हलचल मची रहती है. बैठक में सर्वसम्मति से मऊ के कोपा थाना के टाउन चौकी प्रभारी नजर अब्बास द्वारा पत्रकार स्वप्निल राय की पिटाई की कड़े शब्दों में निंदा की गई तथा मागं किया गया कि उक्त दरोगा के खिलाफ लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला करने का रिपोर्ट पंजीकृत कर कड़ी कार्रवाई की जाए. बैठक को ग्रापए के तहसील अध्यक्ष पुष्पेंद्र तिवारी “सिंधु “, अनिल केशरी, दीपक ओझा, डॉ. गिरीश मिश्र, श्रीकांत चौबे, रितेश तिवारी, सुनील वर्मा, महेश जी आदि ने संबोधित किया. अध्यक्षता रामप्रताप तिवारी तथा संचालन शिवसागर पाण्डेय ने किया.

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