
सिकंदरपुर, बलिया. एक तरफ स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिग सुधारने के लिए जिले की नगर पंचायतें जी-तोड़ कोशिश में हैं तो वहीं स्थानीय नगर पंचायतें इससे इत्तेफाक नहीं रखती. नगर क्षेत्र के कई मोहल्लों में लगे कचरे के ढेर और इनसे निकलने वाला जहरीला धुंआ इसकी गवाही दे रहा है. बदबूदार कचरों से निकल रहा धुंआ लोगों को तिल तिल मौत के मुहं में ले जा रहा बावजूद जिम्मेदार बेखबर बने हुए हैं. यह स्थिति गाहे-बगाहे की नहीं बल्कि यहां की पहचान बन गयी है. यह स्थिति तब है जब एनजीटी ने कचरा जलाने पर पाबंदी लगा रखी है. बावजूद कचरा जलाने की घटनाएं नहीं थम रही हैं.
सिकन्दरपुर-मनियर मार्ग पर जलालीपुर के पास सड़क किनारे जमा कचरे के ढेर की बदबू से लोगबाग पहले से परेशान थे. अब इसमें किसी ने आग लगा दी है. इसके चलते निकलने वाला जहरीला धुंआ आसपास के लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है.
This Post is Sponsored By Memsaab & Zindagi LIVE
लोगों की मानें तो सफाई कर्मचारी आये दिन ऐसा काम करते हैं. ताज्जुब है यह सब सरेआम होता है, लेकिन नपं के अधिकारियों को यह सब नजर नहीं आ रहा जो विभागीय नाकामी को दर्शाता है.
इस सम्बंध में आरबीएल पाली क्लिनिक के चिकित्सक डॉ गोविंद ने बताया कि कचरे के ढेर से निकलने वाले धुएं में फास्फोरस व कार्बन की मात्रा अधिक होती है. जो फेफडों को काफी नुकसान पहुंचता है. इससे व्यक्ति बेहोश या पक्षाघात का शिकार हो सकता है.
ईओ अरुण यादव ने बताया कि कचरे में आग लगाना अपराध है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. चाहे वह व्यक्ति कर्मचारी हो या फिर स्थानीय निवासी. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
(सिकंदरपुर संवाददाता संतोष शर्मा की रिपोर्ट)