गोरखपुर। महराजगंज जिला ही नहीं, पूर्वांचल की राजनीति में दबदबा रखने वाले अमरमणि परिवार सपा बेदखल कर दिया गया. पार्टी गतिविधियों के खिलाफ काम करने के आरोप में सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने गुरुवार को इस परिवार से जुड़े कई लोगों का पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
मालूम हो कि जेल में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे पूर्वांचल के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री अमरमणि ने नौतनवा विधानसभा क्षेत्र की राजनीतिक विरासत अपने बेटे अमनमणि को सौंपी थी. 2012 का विधानसभा चुनाव सपा के टिकट पर लड़कर हारे अमनमणि भी इन दिनों डासना जेल की हवा खा रहे हैं. उन पर भी अपनी पत्नी सारा की हत्या का आरोप है.
अमनमणि को इस चुनाव में भी सपा का टिकट मिल गया था, लेकिन पार्टी पर अखिलेश गुट का कब्जा हो जाने से अमनमणि टिकट से महरूम हो गए. अमरमणि मुलायम और शिवपाल गुट के माने जाते हैं. अमनमणि के साथ ही फरेंदा सीट से कई बार विधायक और मंत्री रहे श्यामनरायन तिवारी का भी टिकट कट गया. श्यामनरायन अमनमणि के बाबा हैं.
पार्टी से बेदखल किया जाना कोई चौकाने वाली बात नहीं है. सपा के टिकट से वंचित अमनमणि ने नौतनवा विधान सभा सीट से निर्दल चुनाव मैदान मे हैं. फरेंदा सीट से टिकट कटने के बाद श्यामनरायन भी पोते के चुनाव प्रचार मे जुटे हुए थे. ऐसे मे बाबा पोते को पार्टी से बिदा होना तय था. माना जा रहा है कि पिछले दिनो अमनमणि की बहनों ने प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की शह पर चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें और उनके समर्थकों को परेशान करने का लगाए जाने के बाद त्रिपाठी परिवार के निष्कासन का फैसला किया गया. सपा प्रदेश अध्यक्ष ने अमनमणि, श्यामनरायन, नगरपालिका नौतनवा के चेयरमैन के पति गुड्डू खान सहित आधा दर्जन लोगों को पार्टी से निकालने की कार्रवाई की है.