बलिया। प्रदेश सरकार की वादा खिलाफी के विरुद्ध प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर शिक्षामित्रों ने गुरुवार को बीएसए कार्यालय पर सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया. जनपद के विभिन्न शिक्षा क्षेत्रों से पहुंचे शिक्षामित्रों की भीड़ से बीएसए कार्यालय का प्रांगण छोटा पड़ गया.
25 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बेरोजगार हुए शिक्षामित्रों ने आंदोलन का राह पकड़ लिया था. इससे घबराई उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान करने के लिए 15 दिन का समय मांगा, लेकिन समयावधि में सरकार ने शिक्षामित्रों के हित में कोई निर्णय नहीं लिया. इससे गुस्साए शिक्षा मित्रों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिला मुख्यालयों पर तीन दिन का सत्याग्रह आंदोलन प्रारंभ किया.
गुरुवार को बीएसए कार्यालय पर शिक्षामित्रों के आंदोलन में कई संगठनों ने अपना समर्थन दिया. शिक्षामित्रों ने कहा कि उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार शिक्षामित्रों को अंधेरे में रखकर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करना चाहती है, जो घोर अन्याय है. सरकार के इस कृत्य के खिलाफ शिक्षामित्र चुप नहीं बैठेंगे. कहा कि जिला मुख्यालय पर तीन दिन के सत्याग्रह आंदोलन के बाद बलिया से 3000 की संख्या में महिला-पुरुष सभी शिक्षामित्र लखनऊ में आंदोलन के लिए कूंच करेंगे. लखनऊ जाने के लिए जिला मुख्यालय पर शिक्षक शिक्षामित्र संघर्ष समिति को निर्णय निर्णय लेने के लिए सभी शिक्षामित्रों ने अधिकृत किया.
राजेश साहनी, काशीनाथ यादव, सरल यादव, जितेंद्र राय, पंकज सिंह, सूर्य प्रकाश यादव, श्याम नन्दन मिश्र, परशुराम यादव, अनिल मिश्रा, नीतू उपाध्याय, मधु सिंह, वसुंधरा राय, सन्तोष कुमार, राजेश अंचल, राजेश सिंह, भरत यादव, हरेराम यादव, चंद्रशेखर सिंह, विनय दुबे, चंद्रभान सिंह, श्याम सुंदर तिवारी, विजय प्रताप सिंह, अजय पांडे, अजय शक्ति, शालू सिंह, विजयलक्ष्मी सिंह, जितेंद्र सिंह, परवेज अहमद, सत्येन्द्र मौर्य, राजू प्रसाद, वसीम, देवेन्द्र प्रसाद, सीमा मिश्रा, प्रतिमा पांडेय, उषा तिवारी, नम्रता तिवारी, आशा मिश्र समेत हजारों शिक्षामित्र मौजूद रहे. अध्यक्षता ज्ञानप्रकाश मिश्रा व संचालन अनिल मिश्र व संगम अली ने संयुक्त रूप से किया. आभार व्यक्त जिला संयोजक पंकज कुमार सिंह किया.
शिक्षकों को सरकार धमकी न दे. शिक्षक भारत के भविष्य बनाने का काम करते हैं. उन्हें लाठी और गोली का कोई भय नहीं होता. शिक्षक जिस सरकार के खिलाफ मूड बना लेते हैं, उस सरकार का भविष्य और उम्र बहुत कम होता है. आगाह किया है कि उत्तर प्रदेश की सरकार शिक्षकों से उलझने का काम ना करें. हमने कई सरकारों को उखाड़ फेंका है, इससे उत्तर प्रदेश सरकार को सबक लेना चाहिए – सुरेंद्र नाथ सिंह, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष, बीएसए कार्यालय पर गुरुवार को शिक्षामित्रों के सत्याग्रह आंदोलन को संबोधित करते हुए
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अब शिक्षामित्र करो या मरो की लड़ाई लड़ेंगे, क्योंकि आज शिक्षामित्र साथियों के ऊपर जो संकट आया है इससे बड़ा कोई और संकट नहीं हो सकता. जल्द ही शिक्षामित्र साथियों का समायोजन कर उनका सम्मान वापस नहीं किया जाएगा तो बलिया का आंदोलन उत्तर प्रदेश सरकार की आंखें खोलने का काम करेगा – अवधेश सिंह, उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष
उत्तर प्रदेश के इतिहास में जब-जब भाजपा सरकार आई है, तब-तब कर्मचारियों का उत्पीड़न शुरू किया है. कहा कि इस सरकार में काम करने के बाद भी वेतन और अपने हक की लड़ाई के लिए कर्मचारियों को सड़क पर उतरना पड़ता है. यह आंदोलन सरकार को अपना रवैया बदलने के लिए मजबूर कर देगा – राजेश पांडेय, कर्मचारी संघ के उपाध्यक्ष
18 अगस्त को बीएसए कार्यालय में एकत्र होकर जुलूस निकालेंगे शिक्षामित्र
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