बकाया मानदेय के लिए प्रेरकों ने प्रधानमंत्री को भेजा ज्ञापन

बलिया। अपने दो वर्ष के बकाया मानदेय भुगतान को लेकर लोक शिक्षा केंद्रों पर कार्यरत प्रेरक परेशान हैं. जिला मुख्यालय से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक धरना प्रदर्शन के बावजूद समाजवादी सरकार ने इनकी एक नहीं सुनी. चालू वित्तीय वर्ष में प्रेरकों के मानदेय का भुगतान बिल्कुल नहीं हुआ है. साथ ही ब्लॉक समन्वयकों का मानदेय प्रेरकों से भी दुगुने माह का बकाया है.

बलिया आगमन पर केंद्रीय उर्जा राज्यमंत्री पीयूष गोयल को प्रेरकों ने व्यक्तिगत रूप से मिलकर ज्ञापन सौंपा और अपनी दिक्कत एवं परेशानियों से अवगत कराया. उन्हें प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा और निवेदन किया कि वे ज्ञापन को प्रधानमंत्री तक अवश्य पहुंचाएंगे. श्री गोयल ने भी प्रेरक संघ के अध्यक्ष अजित पाठक को आश्वस्त किया कि उनकी बात प्रधानमंत्री तक पहुंचा दिया जाएगा. प्रेरक अपनी बकाया मानदेय को लेकर परेशान हैं. मानदेय भुगतान को लेकर भी अपनी सारी ताकत झोंक दी हैं.

हालांकि शासन-प्रशासन कान में तेल डाल कर उनकी बातों को अनसुनी कर दे रहा है. योजना के प्रारंभ में प्रत्येक को रुपये 2000 प्रतिमाह की दर से नियमित मानदेय भुगतान करने के साथ ही प्रतिमाह कार्यालय प्रबंधन एवं मांस मोबाइलजेशन के मद में भी भुगतान करने का प्रावधान निदेशालय स्तर से किया गया था, परंतु निदेशालय अपनी वचनबद्धता का पालन नहीं कर रहा है. लिहाजा प्रेरकों पर महंगाई के इस दौर में अपने रुपये 2000 प्रतिमाह के भुगतान के लिए प्रेरकों को रुपये 1000 खर्च करके प्रदेश मुख्यालय जाकर लक्ष्मण पार्क में धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है. इसके बावजूद राज्य सरकार के कान पर जूं नहीं रेंग रहा है.

मानदेय नहीं मिलने के बावजूद शिक्षा प्रेरक पूरी निष्ठा के साथ अपनी ड्यूटी कर रहे हैं. इसके अतिरिक्त सभी प्रेरकों से बीएलओ का भी कार्य लिया जा रहा है. कर्मचारियों की कमी होने पर इन्हें मतदान एवं मतगणना कार्य में भी ड्यूटी लगाई जा चुकी है. प्रेरकों ने दीपावली से पूर्व 27 माह का मानदेय भुगतान करने की मांग की है. प्रेरकों के मानदेय भुगतान करने की मांग लोकसभा में गोंडा के सांसद कीर्तिवर्धन सिंह ने भी 10 अगस्त 2016 को उठाया और मानदेय वृद्धि की भी मांग की.

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