नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार में मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को ज़ोरदार झटका देते हुए उनके खिलाफ एक महिला से रेप और उसी महिला के नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ के मामले में एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. वही मामले में पुलिस को जांच कर 8 हफ्ते में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.
I respect orders(FIR against him)of SC, but this case is a BJP conspiracy against me. Truth will be out soon: Gayatri Prajapatri,UP Minister pic.twitter.com/NNbwQwW7y8
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 17, 2017
एक महिला ने लंबे समय तक गायत्री प्रजापति पर यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. महिला ने कहा की प्रजापति ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया और घटना की तस्वीरें लेकर ब्लैकमेल करते हुए कई बार रेप किया. गायत्री प्रसाद प्रजापति के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने वाली महिला चित्रकूट की रहने वाली है और उसका आरोप है कि मंत्री ने उसकी नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ भी की. महिला का यह भी आरोप है कि इस मामले में पुलिस ने उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट उक्त महिला की याचिका को खारिज कर चुका है.
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के दौरान अमेठी सीट से सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) के टिकट पर चुनावी मैदान में डटे गायत्री प्रजापति के बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी प्रभावशाली है, तो इसका मतलब यह नहीं हो सकता कि पुलिस एफआईआर भी दर्ज न करे.