गणित के आसान सवाल का उत्तर नहीं दे पाए स्कूल के अध्यापक

  • दुबहड़ उच्च प्राथमिक विद्यालय का डीएम ने किया औचक निरीक्षण
  • एक छात्र ने कर दिया हल तो उसकी पीठ थपथपाई, पुरस्कार भी दिया

बलिया: गंगा किनारे गांवों में लगे कैम्प का निरीक्षण करने पहंचे जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही ने उच्च प्राथमिक विद्यालय दुबहड़ का औचक निरीक्षण किया.

इस दौरान उन्होंने गणित विषय से एक भिन्न का सवाल हल करने को कहा, जिसे तीन अध्यापक मिलकर भी नहीं कर पाए. खास यह रहा कि उस सवाल को उसी कक्षा के एक छात्र ने हल कर डाला. डीएम ने उसकी पीठ थपथपाई और पुरस्कृत भी किया.

वहीं, शिक्षकों के साथ प्रधानाध्यापक को भी कड़े शब्दों में चेतावनी दी. कहा, बच्चों को इसी उम्र में गणित, विज्ञान जैसे महत्वपूर्ण विषय के बारे में मिला ज्ञान ताउम्र याद रहता है. इसका ख्याल रखें.

उप्रा विद्यालय में पहुंचने के बाद जिलाधिकारी ने पहले तो बच्चों से खूब बातचीत की. फिर पठन-पाठन पर चर्चा की. इसके बाद गणित के भिन्न के एक सवाल हल करने के लिए बच्चों से कहा.

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बच्चों की ओर से जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने एक अध्यापिका से सवाल का हल कर बच्चों को समझाने को कहा.लेकिन अध्यापिका भी हल नहीं कर सकी. वहां मौजूद एक और अध्यापक ने कोशिश की, पर सफल नहीं हुए.

बगल के भड़सर प्रावि की अध्यापिका संध्या ने उस सवाल को हल किया. इस पर जिलाधिकारी ने अध्यापकों से कहा कि सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. अगर कोई टॉपिक नहीं आता है तो अपने सहयोगी अध्यापकों से सीख सकते हैं।

दुलार-प्यार से पढ़ाया तो बच्चे हुए खुश

निरीक्षण के दौरान काफी देर तक तो बच्चे डीएम को पहचान नहीं पाए, पर जब उनको पता चला तो बड़े खुश हुए. उसके बाद तो डीएम के हर सवाल को लेकर उत्साहित दिखे.

जिलाधिकारी ने भी न सिर्फ बच्चों से सवाल किया, बल्कि उनको हल करने के तरह-तरह के तरीके भी समझाए. उन्होंने बच्चों से कहा कि किसी भी सवाल को तब तक पूछें, जब तक कि समझ में ना आ जाए. अध्यापकों को भी पढ़ाने के तरीके समझाए.

बच्चों संग खाया एमडीएम

उप्रावि दुबहड़ में डीएम ने एमडीएम की गुणवत्ता जांची. उन्होंने एमडीएम का भोजन बच्चों के साथ खाया. स्कूल के सभी अध्यापक और स्कूली बच्चे डीएम के साथ भोजन कर उत्साहित दिखे. एमडीएम की गुणवत्ता पर संतोष जाहिर किया.

बीआरसी का किया निरीक्षण

दुबहड बीआरसी परिसर में पहुंचे जिलाधिकारी ने बीआरसी का भी निरीक्षण किया. वहां खण्ड शिक्षा अधिकारी के नहीं होने पर कारण पूछा और बीईओ मोतीचंद चौरसिया से फोन पर बात की.

बांसडीह में होने की बात पर डीएम ने कहा कि दो ब्लॉक का चार्ज है तो रोस्टर बना लें. दीवार पर लिखवाएं कि किस दिन कहां बैठेंगे. कड़े शब्दों में कहा कि बीआरसी परिसर में सरकारी योजनाओं संबंधी कैम्प लगा है तो यहां रहना चाहिए.

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