स्कूल और पानी टंकी को लील लिया गंगा के उफान ने

बैरिया (बलिया)। रविवार सुबह चार बजे से जारी गंगा के उफान ने बैरिया तहसील के केहरपुर गांव में प्राथमिक विद्यालय की बिल्डिंग का बाकी हिस्सा को भी लील लिया. सुबह साढ़े बजे पानी की टंकी गंगा में विलीन हो गयी.

गांव के लोग दहशत में हैं. सभी अपने सामान को आनन-फानन में ट्रैक्टर में लाद कर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में लगे हैं.

जिले में गंगा के रौद्र रूप ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. जलस्तर में तेजी से हो रहे बढ़ाव का असर जिले के केहरपुर व सुघर छपरा गांव पर पड़ा है. रविवार की सुबह गंगा के कटान से केहरपुर स्थित पानी टंकी तो देखते ही देखते गंगा में विलीन हो गई. लगभग एक दर्जन मकान भी तेज धार में बह गए. इससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई. सुरक्षित ठौर की तलाश में लोगों का पलायन तेज हो रहा है.

लाइव देखिए कैसे देखते ही देखते जमींदोज हो गया मकान

बाढ़ की चपेट में आने से ग्रामीण जलेसर, योगेश्वर, प्रभुनाथ, रघुनाथ, रमाशंकर चौबे, पप्पू ओझा, रामेश्वर आदि के मकान गंगा में विलीन हो चुके हैं. करीब दो दर्जन से अधिक लोगों ने अपना मकान खाली कर दिया है. खतरा बिंदु से एक मीटर ऊपर बह रही गंगा अब तबाही की ओर अग्रसर है. कटान की चपेट में अब जच्चा-बच्चा केंद्र है. कटान का सिलसिला नहीं थमा तो केहरपुर गांव का अस्तित्व बहुत जल्द समाप्त हो जाएगा. गंगा एनएच-31 से मात्र पांच सौ मीटर की दूरी पर बह रही है. कटान की जद में हरेराम की मठिया भी आ गई है. वहीं प्रशासनिक अधिकारी बाढ़ के बाद सक्रिय हुए तो जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारौत व क्षेत्रीय विधायक सुरेंद्र सिंह ने एक साथ कटान स्थल का निरीक्षण किया. जिलाधिकारी ने कहा कि बिना नदी का पानी उतरे कटानरोधी कार्य संभव ही नहीं है. उन्होंने कटान क्षेत्र में न जाने की भी लोगों से अपील की है. वहीं सुघर छपरा में भी सौ एकड़ उपजाऊ भूमि गंगा में समाहित हो गई है. तेजी से हो रहे कटान को देखते हुए लोग मकानों को खाली करने लगे हैं.

गांव में अफरा-तफरी का माहौल है. गंगा का जलस्तर बढ़ता जा रहा है. गांव के लोग अपने घरों को उजाड़कर जहां-तहां भाग रहे हैं.

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