अपने घर से सैकड़ों किलोमीटर दूर दूसरे प्रदेश में रोजगार की तलाश में गए बिहार के बेरोजगार बड़ी संख्या में मांझी रेलपुल के सहारे घर लौट रहे हैं. गुरुवार की सुबह रेलपुल से पटरी के सहारे पुल पार कर रहा एक युवक अचानक सरयू नदी में गिर गया. आस पास मछली पकड़ रहे लगभग आधा दर्जन मछुआरों ने नदी में डूब रहे व्यक्ति को बचाने की पुरजोर कोशिश भी की, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. रेल पुल के समीप स्थित राम घाट पर सरयू नदी में स्नान कर रहे प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुल से 50 फुट नीचे नदी में गिरा व्यक्ति हाफ पैंट और गंजी पहने हुए था. अपनी कमर में लाल रंग का शर्ट लपेटे हुए था. उसकी पीठ पर काले रंग का एक बड़ा थैला भी था.
घटना की सूचना पाकर राम घाट पहुंचे मांझी के सीओ दिलीप कुमार, थानाध्यक्ष नीरज मिश्र की देखरेख में और समाजसेवी कृष्णा सिंह पहलवान के नेतृत्व में शव की खोजबीन शुरू की गई. नदी के गहरे पानी में जाल के सहारे की जा रही खोजबीन खबर लिखे जाने तक जारी थी. इस हादसे के बावजूद रेलपुल पर आवागमन पूर्ववत जारी है. रेल प्रशासन की ओर से आवागमन रोकने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. मालूम हो कि कोरोना वायरस के संक्रमण से सुरक्षा के उद्देश्य से जारी लॉक डाउन के मद्देनजर जयप्रभा सेतु के दक्षिणी छोर पर यूपी पुलिस द्वारा सख्ती बढ़ा दी गई है. इसी वजह से प्रतिदिन मांझी रेलपुल से सैकड़ों अप्रवासी तथा स्थानीय मजदूर आदि बेरोकटोक आ जा रहे हैं.
हमारे बलिया जिला मुख्यालय प्रतिनिधि के मुताबिक बिहार में कोरोना पॉजिटिव केस बड़ी संख्या में पाए जाने के बाद सीमा पर सतर्कता और बढ़ा दी गई है. बलिया की सीमा से सटे बक्सर, सिवान और मांझी में हर दिन कोरोना पॉजीटिव मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. चूंकि बिहार के इन इलाकों से काफी संख्या में लोगों का हर दिन बलिया आना-जाना है, लिहाजा जनपद के लोगों में भय और दहशत का माहौल है.