तिरंगा में लिपटा लौटा गड़हांचल का सपूत

हृदय गति रुकने से हुई मौत, बांग्लादेश सीमा पर थी तैनाती

बलिया। थाना अंतर्गत पालिया खास बड़का खेत निवासी महेंद्र ठाकुर पुत्र सुदर्शन ठाकुर बंगाल में बांग्लादेश बॉर्डर पर स्थित चांदगंज मे बीएसएफ की 167 वीं बटालियन में तैनात थे.
रविवार की सुबह उन्हें अचानक सीने में दर्द शुरू हुआ साथियों ने उन्हें रायगंज के सरकारी जिला हॉस्पिटल में भर्ती कराया जहां सुबह 10:00 बजे के करीब उनका निधन हो गया.
वह 1991 मे आसाम से भर्ती हुए थे. पोस्टमार्टम के बाद बटालियन के मेजर देवेंद्र पुर्ती के नेतृत्व में एक दल उनका शव तिरंगे में लपेटकर उनके गांव पहुंचा और उनके पार्थिव शरीर को परिजनों को सौंपा.
महेंद्र ठाकुर का अंतिम संस्कार गांव के ही गंगा घाट पर किया गया. मुखाग्नि उनके बड़े पुत्र धनजी ठाकुर ने दिया.
उनके पार्थिव शरीर को बीएसएफ के जवानों ने मातमी धुन बजाकर गार्ड ऑफ ऑनर दिया.

महेंद्र ठाकुर अभी 24 मार्च को ही लंबी छुट्टी काट कर गांव से गए थे. उन्हें अपनी पुत्री के विवाह की चिंता सताए जा रही थी. जिसके लिए उन्होंने काफी दौड़-भाग भी किया था. लेकिन कहीं मामला तो नहीं हो पाया था.
तीन भाइयों में मझले महेंद्र के बड़े भाई जीवित ठाकुर भी बीएसफ में थे,और उनकी मृत्यु भी 12 मार्च 2006 को तैनाती के दौरान हृदय गति रुकने से ही हुई थी. छोटा भाई भरौली में सैलून की दुकान चलाता है.
महेंद्र ठाकुर को 3 पुत्र धनजी, आशीष व सतीश और एक लड़की बबली है.
शव के साथ आये अधिकारी ने महेंद्र की पत्नी मन्जू देवी को विभिन्न मदो के कुल तैंतीस हजार की नकद राशि दाह संस्कार के लिए सौपा. इस दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि बंशीधर यादव, भाजपा नेता अंजनी राय, जिला पंचायत सदस्य के प्रतिनिधि वीरलाल यादव, ग्राम प्रधान रणविजय राय, सत्येंद्र गोड़, शिवनारायण यादव, लल्लन यादव, सर्वदेव यादव, विद्यासागर मिश्रा, टुनटुन राय, आदि लोगों के साथ ही सैकड़ों की भीड़ मृत सैनिक को श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित थी.

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