
सिकंदरपुर( बलिया)। क्षेत्र के लखनापार गांव में चल रहे राम कथा के पहले दिन वृंदावन से पधारे प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने कहा कि रामकथा मानव मन की व्यथा को दूर करने वाली सर्वोत्तम औषधि है. जो मानव जीवन की सभी समस्याओं का समाधान करती है. परिवार समाज की दूरियों को दूर करती है. इस धरती पर राम कथा ही एक ऐसी कथा है, जो जीवन जीने का ढंग सिखाती है एवं भगवान के हृदय में समाहित है. जब-जब असुर शक्ति ने धरती के ऊपर हावी हुई है, भगवान ने नाना रूप में आकर उन सब का विनाश किया है, एवं धर्म का स्थापना कर असुर राज्य से धरती को निजात दिलाया है. जो धर्म के प्रति आज भी आस्थावान है, उन्हें आज भी इस धरती पर कोई दिक्कत नहीं है. रामकथा में धार्मिक अनुष्ठानों में रुकावट डालना सच्चाई के प्रति न चलने चलने वाले का विनाश होना का विस्तृत वर्णन किया गया है. राम कथा में रावण के अत्याचारों से व्यथित होकर ऋषियों ने भगवान से प्रार्थना कर प्रभु राम को धरती पर आने का आग्रह किया जिससे कि रावण का संहार हो सका. आज कलयुग में भी जो माता-पिता व गुरुजन का कहना ना माने उसको रावण की संज्ञा राम कथा में दी गई है.