दहशत के साए में रहते रोगी व स्वास्थ्य कर्मी
यहाँ टिकारण व प्रसव के लिए उमड़ है भीड़
बांसडीह(बलिया)। तहसील अंतर्गत रामपुरकला गांव का परिवार एवं स्वास्थ्य उपकेंद्र का भवन जर्जर हो गया है. प्रसव अथवा टीकाकरण के लिए आने वाले लोग यहाँ जोखिम उठा कर स्वास्थ्य सेवा हासिल करते हैं. कब पलस्तर उखड़ कर रोगी के सिर पर गिर जाय या कब छत ही गिर जाय इसका संसय हमेशा बना रहता है.
यहाँ नियुक्त स्वास्थ्यकर्मी (ANM) भी अपनी जान को जोखिम में डाल कर स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखे हुए है.
http://https://youtu.be/XrqnFK2fmHw
बताते चलें कि रामपुर कला गांव व उसके आस पास के गांवों खरौनी, सारंगपुर, नरोत्तमपुर, खेवसर आदि आधा दर्जन गांवों के लोग यहाँ प्रसव, टीकाकरण एवं सामान्य स्वास्थ्य सेवा के लिए आते है. इस इलाके से अन्य स्वास्थ्य केन्द्र काफी दूर होने के कारण यहां काफी भीड़ जुटती है. लेकिन यहां का जर्जर भवन सबको भयभीत करता है. थोड़े भी बरसात होने पर यहाँ जल भराव हो जाता है. जल निकासी का कोई समुचित प्रबंध नहीं है. जल भराव के समय यहाँ और भी विकट स्थिति उत्पन्न हो जाती है.
इस बावत काफी समय से जागरूक लोग जिलाधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिल कर लिखित व मौखिक गुहार कर यहाँ भवन निर्माण व जल निकासी की व्यवस्था की मांग कर चुके हैं. लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं देता. जनप्रतिनिधि भी इस सेन्टर के महत्व व निर्माण के प्रति उदासीन बने हुए हैं. ग्रामीणों ने भवन निर्माण व जल निकासी के उचित प्रबंध की मांग की है.
-इनपुट;- अतुल सिंह