सरकार से सवाल, एकांतवास में आखिर कैसे रहे कोरोना संक्रमण से मुक्त हुए लोग?

बैरिया (बलिया) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

बैरिया नगर पंचायत वार्ड नंबर 1 के युवक ने कंटेंटमेंट जोन व्यवस्था पर ही सवाल उठाया है. आपको बता दें कि वह युवक हाल ही में एल वन हॉस्पिटल से आइसोलेट होकर वापस लौटा है. उक्त युवक का कहना है कि जरूरत के सामान के लिए वह खुद बाजार जाकर ले आए या कोई ऐसी सरकारी व्यवस्था है जिसमें उससे पैसा लेकर पानी दूध सब्जी दवाएं वगैरह कोई उनके घर पहुंचा देगा.

बता दें कि बैरिया नगर पंचायत वार्ड नंबर 1 के एक परिवार के सदस्य के पैर में फ्रैक्चर था. ऑपरेशन करवाने के लिए पीड़ित को परिजन लखनऊ ले गए. वहां उन लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच हुई. जांच में तीन लोग पॉजिटिव पाए गए. उनकी रिपोर्ट 3 जुलाई की है. सूचना मिलने पर एहतियातन बैरिया में रह रहे उक्त परिवार के 25 सदस्यों ने 5 जुलाई को जिला मुख्यालय से टीम बुलाकर जांच के लिए अपना सैंपल दिया. 13 जुलाई को आई रिपोर्ट में इन 25 में से 7 लोग पॉजिटिव पाए गए. यह सूचना भी इस परिवार के सदस्यों को सोशल मीडिया के माध्यम से मिला. किसी सरकारी व्यवस्था से इन्हें सूचना नहीं दी गई.

इसके बाद 14 जुलाई को इस परिवार के एक सदस्य ने बलिया कोरोना हेल्प लाइन पर फोन करके बात की. इसके बाद 14 जुलाई को देर शाम इन लोगों को एल 1 फैसिलिटी हॉस्पिटल शांति हॉस्पिटल बलिया ले जाया गया. वहां दो रात रखने के बाद 16 जुलाई को सुबह 10:00 बजे इन लोगों को डिस्चार्ज कर दिया गया. वैसे तो 13 जुलाई को ही इन पीड़ितों के घर के चारों तरफ का ढाई सौ मीटर एरिया कंटेंटमेंट जोन घोषित कर दिया गया. लेकिन इन लोगों को घर पहुंचने के बाद 19 जुलाई को इनके घर से ढाई सौ मीटर चारों तरफ का इलाका बांस बल्ली और पटरा लगाकर घेर दिया गया.

अब इस पीड़ित परिवार के सामने साग-सब्जी, दूध व आवश्यक सामग्रियों को लेकर समस्या है. पानी दूध और सब्जी वाले इस रास्ते से गुजर नहीं रहे हैं. परिवार के सदस्य असमंजस में है और सवाल उठा रहे हैं कि क्या कोई सरकारी स्तर पर ऐसी व्यवस्था है, जो हम से पैसा लेकर हमारे दैनिक उपयोग का सामान हमें पहुंचा दें या फिर हम खुद ही अपने घर से निकल कर बाजार जाएं और जरूरत का सामान खुद ही खरीद कर लाए.

This post is sponsored by ‘Mem-Saab & Zindagi LIVE’