
बैरिया : योग से शरीर, मन, बुद्धि, चित्त और निरोगी काया पायी जा सकती है. महर्षि पतंजलि ने योग को मानव के लिए वरदान बताया है.
ये बातें योग मण्डल के संयोजक बतौर मुख्य अतिथि बाबू नन्दन मिश्र ने शनिवार को बैरिया स्थित द्वाबा संस्कृत प्रचार समिति महाविद्यालय में त्रैमासिक योग शिविर के शुभारम्भ के अवसर पर कहीं.

उप्र संस्कृत संस्थान लखनऊ भाषा विज्ञान विभाग द्वारा संचालित इस योग शिविर कार्यक्रम की शुरुआत माता सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुआ.
मिश्र ने कहा कि सरकार द्वारा संचालित इस शिविर का मकसद योग से लोगों को जोड़ना है. तीन महीने योग का प्रशिक्षण लेने के बाद छात्रों को प्रमाण पत्र दिये जायेंगे.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्राचार्य डा. अरविन्द राय ने कहा कि योग शिविर का लाभ छात्रों को देने के लिए हर सम्भव प्रयास किया जायेगा. उन्होंने छात्रों को योग के बारे में विस्तार से बताया.
योग प्रशिक्षक मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि योग से स्वस्थ रहकर समाज की स्वस्थ मन से सेवा की जा सकती है. बताया कि रोजाना दिन मे 11 बजे से सायं 03 बजे तक योग की कक्षा तीन माह तक संचालित होगी.
इस मौके पर चन्दन राय, आशुतोष राय, श्रीभगवान यादव, रामबदन गौड़, शिवेस पाण्डेय, मिथिलेश सिंह, प्रेम प्रकाश पाण्डेय, विद्यानाथ सिंह, मनीष कुमार, रुपा केशरी, अजय सिंह, वशिष्ठ कुशवाहा, जयप्रकाश सिंह मौजूद थे. संचालन मृत्युन्जय उपाध्याय ने किया.