बलिया। लोक स्वातन्त्र्य संगठन पीयूसीएल की जिला इकाई ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा एनडीटीवी इण्डिया के प्रसारण पर रोक लगाये जाने के आदेश की कठोर निंदा की है.
संगठन ने इसे प्रेस की आजादी पर हमला बताया है. संगठन ने कहा है कि भारत सरकार का यह निर्णय देश में अघोषित आपात स्थिति पैदा करने वाला है. जब देश में प्रेस को लिखने-बोलने, सवाल करने और दिखाने की आजादी नहीं रहेगी तो यह जनता की आवाज बनने का दर्जा खो देगी. देश में आपातकाल के दौरान भी प्रेस की बोलती बंद कर दी गयी थी. आज एनडीटीवी पर इस तरह की कार्रवाई लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए खतरा है. प्रेस को इस देश में लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ का दर्जा प्राप्त है, लेकिन यह कार्रवाई दुनिया में भारत वर्ष सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है, के लिए चुनौती है.
संगठन ने प्रेस की आजादी को अक्षुण्ण बनाये रखने के लिए इस अलोकतांत्रिक आदेश को निरस्त करने की मांग की है. साथ ही देश में लोकतंत्र की बुनियाद को मजबूत करने के लिए जनता से हस्तक्षेप करने की अपील किया है. बैठक में अखिलेश सिन्हा, रणजीत सिंह, जेपी सिंह, पंकज राय, अमरनाथ यादव, डॉ.हरिमोहन सिंह, अरूण सिंह, गोपाल जी, अनिल सिंह बब्लू, असगर अली, सूर्यप्रकाश सिंह, विनय तिवारी, लक्ष्मण सिंह, ज्योति स्वरूप पाण्डेय, शैलेश धुसिया आदि शामिल रहे.