प्रतिभा के धनी कामरेड प्रकाश चन्द्र तिवारी नहीं रहे

बलिया. उत्तर प्रदेश ज्ञानविज्ञान आंदोलन वरिष्ठ प्रतिबद्ध नेता कामरेड पीसी तिवारी 17 अक्टूबर को दिन में 4.30 बजे लखनऊ के चंदन अस्पताल में आखिरी सांसें लीं। परिवार में अपने पीछे पुत्र श्रेयक तिवारी, उनकी पत्नी सरस्वती तिवारी एवं बहु शिखा श्रेयक तिवारी को छोड़ गए जो लखनऊ में साथ ही रहते रहे हैं।

कामरेड पी सी तिवारी एक प्रतिबद्ध थे। प्रशासनिक पदों पर रहते हुए भी उन्होने हमेशा सामाजिक कार्यों में सक्रिय योगदान दिया। उनका गंभीर और विनम्र व्यक्तित्व सबको प्रभावित करता था।

जिले के चितबड़ागांव में जन्मे एवं प्राथमिक शिक्षा से स्नातकोत्तर की शिक्षा वाराणसी में अर्जित किया। काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एमएससी करने के दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा उन्हें निकाल दिया गया और विश्विद्यालय परिसर को तत्काल छोड़ने की फरमान जारी कर दिया। तब सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में आचार्य में प्रवेश लिया। आचार्य की उपाधि मिलने के साथ ही उनकी नौकरी गोविंद कालेज सादात गाजीपुर में गणित के लोकप्रिय अध्यापक के रूप में ख्याति अर्जित किया।

क्यूबा की जनक्रांति के 50वें वर्ष पर आयोजित,जनभावना दिवस 12सितंबर 2012के अवसर पर वाराणसी में आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान कामरेड पी सी तिवारी

साथ ही एक प्रगतिशील, वैज्ञानिक एवं मार्क्सवादी सोच से लैस होने के कारण सामाजिक राजनीतिक हिस्सेदारी भी बढ़ती गई और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्यता ले ली। बहुत तेजी से राजनीतिक सीढ़ी पर उत्तरोत्तर बढ़ते हुए माकपा के जिला कमेटी के अंग बन गए।

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इसी बीच स्कूल प्रबंधन कमेटी से उनकी अनबन शुरू हुई और इस्तीफा देकर पुनः वाराणसी आ गए. रोजगार की तलाश में अभी कोचिंग इंस्टीट्यूट खोलने की तैयारी कर ही रहे थे कि पब्लिक सर्विस कमीशन का वांट आया और उनका सलेक्शन भी हो गया और पीसीएस अफसर के रूप में गाजीपुर में ही पहली पोस्टिंग मिली । एक अध्यापक के रूप में इतनी ख्याति अर्जित की थी कि पीसीएस अफसर को भी वहाँ के नागरिक मास्टर साहब के रूप में देखते और समझते रहे। सरकारी नौकरी करते हुए उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में तैनाती हुई उस क्रम में वाराणसी में संचालक चकबंदी एवं नगरायुक्त के रूप में सेवा दी, अपर आयुक्त आजमगढ़ के पद से अवकाश प्राप्त करने के दूसरे दिन पुनः माकपा की सदस्यता लखनऊ में ग्रहण कर ली। विज्ञान आंदोलन में सक्रिय भूमिका का निर्वाह करते हुए।

 

कॉमरेड प्रकाश चंद्र तिवारी के निधन ज्ञान विज्ञान आंदोलन के साथ ही प्रगतिशील आंदोलन एवं हम सबकी व्यक्तिगत अपूर्णीय क्षति हुई है।
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए परिवार के सदस्यों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करते हैं।

 

(बलिया से केके पाठक की रिपोर्ट)

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