इलाहाबाद के हाई प्रोफाइल हत्याकांड में पुलिस के हाथ अभी ‘सिफर’

इलाहाबाद। जीवन ज्योति हॉस्पिटल के मालिक डॉ. एके बंसल की हत्या में अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. आरोपियों की तलाश में पुलिस और क्राइम ब्रांच की कई टीमों को लगाया गया है, लेकिन हत्यारों का अब तक कोई सुराग नहीं मिला. इस मामले में अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर लिया गया है. हालांकि डॉ. बंसल की भी कई मामलों में अलग अलग दुश्मनी थी और उनके खिलाफ भी एक दर्जन से अधिक मुक़दमे दर्ज हैं. अभी पिछले साल भी डॉक्टर पर जानलेवा हमला हुआ था. डॉक्टर की तरफ से एक बड़े बिल्डर सहित तीन लोगों खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज करवाया गया था.

डॉक्टर के दुश्मनों की फेहरिस्त भी काफी लंबी है

इलाहाबाद के हाई प्रोफाइल इस हत्या काण्ड में पुलिस की अलग अलग यूनिट सुराग खोजने में जुटी है. पुलिस डॉ. बंसल की प्रॉपर्टी और बिजनेस के कॉम्पटीशन और को सबसे पहले खंगाल रही है, लेकिन अभी तक पुलिस के हाथ ऐसा कोई सबूत नहीं लगा है जिससे हत्याकांड की गुत्थी सुलझ सके. डॉक्टर की दुश्मनी की फेहरिस्त भी काफी लंबी है. इलाहाबाद के सबसे मशहूर हॉस्पिटल जीवन ज्योति के मालिक डॉ. बंसल पर पिछले साल 5 सितंबर 2015 को शाम के समय उनके बंगले के बाहर देशी बमों से उनकी कार पर कई हमले किए गए थे. वे कार से उतर कर घर जाते उससे पहले ही बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया था और फरार हो गए. इस हमले में डॉक्टर बाल बाल बच गए. उस वक्त डॉक्टर ने इस हमले का ज़िम्मेदार एक बड़े बिल्डर संजीव अग्रवाल को बताया था.  जार्ज टाउन थाने में बिल्डर संजीव अग्रवाल आदि के खिलाफ नामजद मुकदमा किया गया था.

डॉ. बंसल के खिलाफ भी दर्ज है गंभीर धाराओं में मुकदमा

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दरअसल डॉक्टर के बंगले के बगल की ज़मीन पर बिल्डर संजय अग्रवाल कब्ज़ा कर फ्लैट निर्माण करवा रहे थे. हालांकि दूसरे दिन संजय अग्रवाल की ओर से भी उसी थाने में क्रॉस एफआईआर करवाई गयी थी. इसके आलावा साल 2012 में जब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने उनके जीवन ज्योति हॉस्पिटल में छापा मारा था तो उस वक्त हॉस्पिटल के स्टाफ ने आयकर की टीम को बंधक बना लिया था और उनकी जमकर पिटाई भी की थी. इस मामले में डॉ. बंसल के खिलाफ गंभीर धाराओं मे मुकदमा दर्ज हुआ था, लेकिन अपने रसूख का फायदा उठाकर उन्हें थाने से ही ज़मानत मिल गयी थी. फिर सुप्रीम कोर्ट से उनको राहत मिली.

ज्यादातर मुकदमे मरीजों की मौत से संबंधित 

इसके  अलावा इलाहाबाद के अलग अलग थानों में डॉ. बंसल के खिलाफ एक दर्जन से भी अधिक मामले दर्ज हैं, जिसमे फ्रॉड, धोखाधड़ी और जान से मारने की धमकी के आलावा 302 की धाराओं में मुकदमा दर्ज है. इसके अलावा इसमें अधिकतर मुकदमे तो मरीज़ की मौत के बाद इलाज में लापरवाही को लेकर दर्ज हुए थे. इतने मुकदमे पर लोग उनको डॉ.  डेथ की संज्ञा  देते थे.

डॉ. बंसल की प्रॉपर्टी का विवाद कुछ राजनीतिक लोगों से भी

लखनऊ के सीतापुर रोड पर महर्षि यूनिवर्सिटी में भी वे पार्टनर थे, लेकिन वहां के मैनजमेंट ने उन्हें इस पार्टनरशिप से हटा दिया था. तब डॉ. बंसल ने यूनिवर्सिटी के तीन लोगों पर फ्रॉड का मुकदमा इलाहबाद के सिविल लाइन्स थाने में दर्ज कराया था. इसके अलावा जीवन ज्योति ग्रुप में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या की भी पार्टनरशिप है. जिसका ज़िक्र उन्होंने कौशाम्बी की सिराथू विधान सभा सीट पर चुनाव में शपथ पात्र में भी दिया है. इसके अलावा डॉ. बंसल की प्रॉपर्टी का विवाद कुछ राजनीतिक लोगों से भी था. हालांकि इस मामले में कोई लिखा पढ़ी नहीं हुई.

बदमाश ये ठान कर आए थे कि उन्हें रास्ते से हटाना ही है

वैसे डॉ बंसल की जिस तरह हत्या हुई. उससे साफ़ है कि यह कॉन्ट्रैक्ट किलिंग ही है. हत्यारे आम आदमी बनकर हॉस्पिटल में दाखिल हुए और सीधे बिना किसी से पूछे उनके केबिन में घुस कर दोनों ने दरवाज़ा खोलते ही डॉक्टर पर फायरिंग कर दी. दो गोली एक बदमाश ने मारी, जबकि दूसरे बदमाश ने भी दो गोली मारी. जिसमे डॉक्टर के सर और गर्दन में गोली लगी. जिस वक्त डॉ बंसल पर फायरिंग की गयी. उस वक्त वे झुककर फोन पर बात कर रहे थे. बदमाश ये ठान कर आए थे कि उन्हें रास्ते से हटाना ही है. और गोली मारने के बाद दोनों बदमाश पीछे के रास्ते से जिधर साइकिल स्टैंड है, उधर से भाग निकले. डॉक्टर की हत्या में परिवार के लोगों ने अभी किसी पर न तो आरोप लगाया है और न ही किसी किसी पर शक ज़ाहिर किया है. इससे पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कर हत्या कांड की गुत्थी सुलझाने की कोशिश में जुटी है.

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