बैरिया(बलिया)। श्री सुदृष्टि बाबा स्नातकोत्तर महाविद्यालय सुदिष्टपुरी रानीगंज में गुरुवार का पूरा दिन गहमा-गहमी से भरा रहा. महाविद्यालय परिसर मे एमए समाजशास्त्र व हिन्दी विषय के प्रथम समेस्टर के छात्र छात्राओं की पढ़ाई पूर्ववत चले, किसी दूसरे महाविद्यालय मे न भेजा जाय की मांग को लेकर अनशन पर बैठे सात छात्रों पिन्टू मौर्य, रवि सिंह, मनजी वर्मा, अमित शर्मा, आदर्श यादव, प्रवीण सिंह, अच्छेलाल यादव के अनशन का आज लगातार चौथा दिन रहा. अनशनकारियों की बिगड़ती हालत देख महाविद्यालय परिसर में छात्र काफी आक्रशित दिखे.
निकाला कुलपति की शवयात्रा
लगभग 11 बजे से महाविद्यालय से छात्रों ने जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति की शवयात्रा महाविद्यालय से निकाल कर “जो हिटलर की चाल चलेगा, वह हिटलर की तरह मरेगा” का नारा लगाते हुए रानीगंज चौक पर पहुंच कर शवदाह किये. छात्र सीधे सीधे कुलपति पर आरोप लगा रहे थे. उनका कहना था कि यहाँ पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य व कुलपति की लड़ाई का दण्ड हम छात्र क्यों भुगते. हमारा ऐडमीशन यहीं रहना चाहिए, और यहीं के आधार पर हमारा परीक्षा होना चाहिए.
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क्या ऐसे ही पढे बेटिया, बढे बेटिया का संकल्प पूरा होगा…
प्राचार्य डा सन्तोष कुमार सिंह ने महा विद्यालय के सूचना पट पर आदेश चस्पा कराया तथा हिन्दी व समाजशास्त्र विषय प्रथम समेस्टर के छात्र छात्राओं के मोबाइल पर मैसेज कराया कि जो छात्र चाहें तो अपना शुल्क वापस ले लें, या फिर उनका जमा शुल्क गोपालजी महाविद्यालय में अग्रेषित कर दिया जाएगा. कार्यालय पर दोपहर तक अपनी स्वीकृति या पैसा वापस लेने का आवेदन जमा कर दे. महाविद्यालय के माहौल में खलबली सी मच गई. यहां के कुल एमए हिन्दी व समाजशास्त्र विषय के 46 छात्रों में से 10 छात्र जांच मे अयोग्य पाए गये। शेष 36 छात्रों मे से दो ने अपना शुल्क वापसी का आवेदन किया. बाकी बचे 34 में 28 छात्राएँ व 6 छात्रों में से 25 छात्राएँ व दो छात्रों ने प्राचार्य के पास लिखित आवेदन दिया कि हम अपने शुल्क के जमा 10 हजार रूपये को गोपाल जी महाविद्यालय में ट्रांसफर करने की अनुमति नहीं देते और न ही वापस लेंगे. हमारा पठन-पाठन, पुस्तकालय सुविधा, छात्रसंघ चुनाव मे जैसे मतदान की सुविधा मिली सब पूर्ववत जारी रहना चाहिए. जिससे महाविद्यालय मे एक असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई.
दिन भर सदलबल महाविद्यालय में जमे रहे एसडीएम व क्षेत्राधिकारी
महाविद्यालय मे सुबह दस बजे से समाचार भेजे जाने तक एसडीएम लालबाबू दुबे व क्षेत्राधिकारी उमेश कुमार ने भारी सुरक्षा व्यवस्था के साथ जमे रहे. इस बीच मे इन अधिकारियों ने अनशनकारियों, छात्रनेताओ से कई चक्र वार्ता की भी और कराई भी लेकिन कोई नतीजा नही निकला. बलिया से भी पहुंचे छात्र नेताओं ने भी वार्ता की लेकिन कोई सार्थक परिणाम नही निकला.
वीसी ने कहा वहां वैधानिक मान्यता नही है
मोबाइल पर वार्ता के दौरान जन नायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो योगेन्द्र सिंह ने पूछे जाने पर बताया कि सुदिष्टपुरी में एमए हिन्दी व समाजशास्त्र विषय के लिए विश्व विद्यालय से कोई विधिक मान्यता नही है. इसके लिए पूर्व कार्यवाहक प्राचार्य जिम्मेदार है. मान्यता के सन्दर्भ में उनके पास विश्व विद्यालय से कई पत्र जारी किए गए. जिसकी अनदेखी करते हुए उन्होने प्रवेश लेकर महाविद्यालय के माहौल को खराब किया है. तर्क दिया कि अगर उनकी मंशा स्पष्ट होती तो क्या 46 छात्रों में दस छात्र अपात्र पाए जाते? या वह वहीं ठीक किए होते. जिलाधिकारी/प्रशासक के अनुरोध पर छात्र हित मे वहां के प्रवेश लिए छात्रों को गोपालजी महाविद्यालय से सम्बद्ध करने का निर्णय परीक्षा समिति ने लिया.
http://https://youtu.be/xUQG3KsMTh4
पहुंची केतकी सिंह ने सुझाया बीच का रास्ता
छात्रों के अनशन पर बैठने की सूचना पर क्षेत्र मे आई भाजपा नेत्री केतकी सिंह भी महाविद्यालय पहुंची. अनशनकारियों के बीच प्राचार्य, एसडीएम, क्षेत्राधिकारी को बुलाकर लम्बी वार्ता की. छात्राओं की बात, अनशनकारियों, प्राचार्य तथा एसडीएम सबकी बात सुनी. छात्राओं ने खुलकर उनके समक्ष अपनी बात रखी. भाजपा नेत्री ने अनशन समाप्त कराने का प्रयास किया. जिस पर छात्र छात्राओं ने अपने भविष्य की बात बताई. केतकी सिंह ने सुझाया कि अभी उपजिलाधिकारी, प्राचार्य व छात्र प्रतिनिधि मण्डल के तीन सदस्य विश्वविद्यालय जाकर अपनी बात रखें. कुलपति से छात्र हित का वास्ता देकर अनुमति लावें और अनशन समाप्त करावे. तब तक अनशन जारी रहे. एसडीएम प्राचार्य को साथ लेकर कुलपति के पास गए भी.