रसड़ा (बलिया)। रिजर्व बैंक का यह दावा है कि बैंकों में नोटों की कोई किल्लत नहीं है. यह दावा तो कम से कम पूर्वांचल बैंक में शुक्रवार को पूरी तरह फ्लाप साबित रहा. रसड़ा क्षेत्र के पूर्वांचल बैंक ने शुक्रवार को पैसे के अभाव में लेन देन पर हाथ उठा दिए.
पकवाइनार स्थित बैंक शाखा समेत अनेक क्षेत्र के बैंकों पर ग्राहकों ने पैसा न मिलने पर हंगामा खड़ा कर दिया. वैसे भी ग्रामीण बैंक नोट बंदी के बाद समस्याओं से जूझ रहे हैं. रही सही कसर इन बैंकों के दलाल पूरा कर दे रहे हैं. स्थानीय लोगों की माने तो शुरू से ही इन बैंकों पर दलालों का प्रभुत्व रहा है. दिसम्बर माह के प्रारम्भ होते ही पेमेंट लेने के लिये कमचारी भी बैंकों में जा धमके. बैकों ने पैसों की किल्लत दिखाकर पैसा देने पर हाथ खड़े कर दिए. पकवाइनार समेत कोटवारी आदि बैंक शाखाओं पर ग्राहकों ने हंगामा खड़ा कर दिया. कर्मचारियो एवं ग्राहकों द्वारा रीजनल मैनेजर से बात पर शनिवार को पेमेंट के आश्वासन पर आक्रोशित ग्राहक शांत हुए.
कई बैंकों पर बैंक खुलने के पूर्व ही लाइन में लगे लोग पैसा न मिलने से निराश होकर वापस घर खरी खोटी सुनाते हुए चले गए. नोट बंदी के 24 दिन के बाद भी नोटों की किल्लत दूर नहीं ही पा रही है. इससे मोदी के फैसले पर लोग सवाल खड़ा करना शुरू कर दिए हैं. कालेधन पर मोदी द्वारा की गई सर्जिकल स्ट्राइक पर कहीं लोग यूपी की विधानसभा चुनाव में भाजपा की ही सर्जिकल स्ट्राइक न कर दें. सरकार जल्द ही नोटों की समस्याओ से दूर नहीं किया तो लोगो का जनाक्रोश कभी भी फ़ूट सकता है.